रायबरेली: रायबरेली में 'विधायक जी' के नाम से मशहूर अखिलेश सिंह नहीं रहे. लंबी बीमारी के बाद उनका निधन हो गया है. रायबरेली सदर विधानसभा सीट से उनकी बेटी अदिति सिंह कांग्रेस की विधायक हैं. पिछले लंबे वक्त से अखिलेश बीमार चल रहे थे और यही कारण था कि उन्होंने अपनी बेटी को राजनीति के मैदान में उतारा था.
अखिलेश सिंह की छवि एक बाहुबली की रही थी, उन पर कई मामले भी दर्ज थे. इसके बाद भी लोग उन्हें पसंद करते थे और हर बार वे आसानी से चुनाव जीत जाते थे. हालांकि पिछले 10 सालों से उनकी तबियत ठीक नहीं रहती थी और उनकी जीत का मार्जिन कम होता जा रहा था.
रायबरेली में हनक
रायबरेली वैसे तो कांग्रेस और सोनिया गांधी के कारण जाना जाता है लेकिन जब बात रायबरेली सदर की हो तो यहां केवल और केवल अखिलेश सिंह का ही सिक्का चलता रहा है. रायबरेली लखनऊ से सटा है और वीआईपी इलाका है. 1951 में फिरोज़ गांधी यहां से चुनाव जीते थे, 1967 में इंदिरा. बीच में थोड़ा उठापटक जरूर हुई लेकिन 2004 से अभी तक सोनिया गांधी यहां से सांसद हैं.
हमेशा सत्ता में रहे
अखिलेश सिंह ने चाहे पीस पार्टी ज्वाइन की हो या फिर निर्दलीय चुनाव लड़ा हो, वो जीतते रहे. वो पहले कांग्रेस में ही थे लेकिन उनकी छवि पर लगातार सवाल उठ रहे थे और फिर एक दिन कांग्रेस ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया था.
1988 में हुए नेशनल बैडमिंटन चैंपियन सैय्यद मोदी हत्याकांड में भी उनका नाम आया था. कहते हैं कि लोग कांग्रेस की सभाओं में नहीं जाते थे, कांग्रेस के कार्यकर्ता इलाके में पोस्टर तक नहीं लगाते थे. जहां राहुल और प्रियंका की सभाएं होती थीं वहां से कुछ दूर अखिलेश सभा करते थे और उनकी सभा में भीड़ में अधिक होती थी.
प्रियंका बनी पुल
ऐसा कहते हैं कि ''विधायक जी'' जब अपनी बेटी को सत्ता सौंपना चाहते थे तब उन्हें अमेठी राजघराने वाले संजय सिंह मिले. माना जाता है कि प्रियंका गांधी ने संजय के जरिए अखिलेश के पास एक संदेश भेजा था. इसी संदेश के बाद विदेश से लौटी अदिति सिंह कांग्रेस में शामिल हो गईं और रायबरेली सदर सीट से विधायक बनीं.