कानपुर: जम्मू-कश्मीर में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकी हमले में कन्नौज के प्रदीप यादव, कानपुर देहात के श्याम बाबू और उन्नाव के अजीत सिंह भी शहीद हो गए. इस हमले में कुल 37 जवान शहीद हुए हैं. हमले के बाद से ही देश गुस्से में है. शहीदों के परिवार गमजदा हैं, उनके आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. शहीदों के परिवार इस आतंकी हमले का बदला लेने की मांग कर रहे हैं. जब शहीदों के परिवारों को ये दुखभरी खबर मिली तो परिवारों में कोहराम मच गया.
जनपद कानपुर देहात के डेरापुर थाना क्षेत्र स्थित नोनारी गांव के रहने वाले श्याम बाबू 2006 में सेना में भर्ती हुए थे. श्याम बाबू के पिता राम प्रसाद किसान हैं. श्याम परिवार के बड़े बेटे थे. पूरे परिवार को उन फक्र था कि उनका बेटा देश की सेवा कर रहा है. उनकी शादी 6 साल पहले रूबी से हुई थी. उनको एक 4 साल का बेटा और 6 माह की बेटी है. वे घर की मरम्मत कराने के लिए बीते जनवरी माह में घर आए थे. छुट्टियां ख़त्म होने बाद वो 10 फरवरी को जम्मू कश्मीर के लिए रवाना हुए थे.
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उनके परिवार ने जब टीवी पर देखा कि पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हमला हुआ हुआ है तो परिवार के सभी सदस्य घबरा गए और श्याम बाबू से संपर्क करने का प्रयास करने लगे. लेकिन उनकी बात श्याम से फोन पर नहीं हो पाई. इसके बाद परिवार को सूचना मिली कि श्याम बाबू आतंकी हमले में शहीद हो गए हैं. पूरे परिवार समेत गाँव शोक में डूब गया.
कन्नौज के प्रदीप यादव भी इस आतंकी हमले में शहीद हो गए हैं. उनका परिवार कानपुर में रहता है. वर्तमान में कल्याणपुर थाना क्षेत्र स्थित बारासिरोही के रहने वाले प्रदीप यादव सीआरपीएफ में सैनिक के पद पर तैनात थे. परिवार में पत्नी नीरज यादव, बेटी सुप्रिया (09) और छोटी बेटी सोना (02) है. प्रदीप यादव 2004 में CRPF में भर्ती हुए थे. प्रदीप के पिता अमर सिंह सिपाही के पद से रिटायर्ड हैं. उन्होंने बताया कि प्रदीप को बचपन से ही सेना में भर्ती होकर देश की रक्षा करने का जज्बा था.
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शहीद प्रदीप यादव के मौसेरे भाई ने बताया कि आतंकी हमले से पहले सुबह और फिर दोपहर के वक्त भाभी नीरज ने भैया से मोबाइल फोन पर बात की थी. किसी को भी इस बात का अंदाजा नहीं था कि CRPF के काफिले पर हमला हो जाएगा. भैया बीते 10 फरवरी को छुट्टियाँ बिता कर गए थे.
उन्नाव के अजीत कुमार भी इस हमले में शहीद हो गए. वे लोक नगर इलाके के रहने वाले थे. अजीत 115 CRPF बटालियन के जवान थे. उनके परिवार में पत्नी मीना, दो बेटी ईशा (11) और रिषा (09) हैं. वो पांच भाइयों में सबसे बड़े थे. पिता प्यारे लाल, मां राजवती और पत्नी के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे हैं.
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