लखनऊ: बहुत लंबे वक्त से अमेठी और रायबरेली से गांधी परिवार का नाता रहा है. जब राहुल और प्रियंका छोटे थे तब लोगों ने राहुल गांधी की तरह प्रियंका को भी भइया कहना शुरु कर दिया और आज भी उन्हें अमेठी के कांग्रेस कार्यकर्ता भइया जी कह कर ही बुलाते हैं.

ऐसा माना जाता है कि प्रियंका को तामझाम पसंद नहीं और बड़ी रैलियों की अपेक्षा वह चौपालों में लोगों से मिलना पसंद करती हैं. वो जिस तरह सौम्यता के साथ लोगों से पेश आती हैं, लोग उनमें कांग्रेस का भविष्य देखते हैं.

प्रियंका गांधी की उम्र अब 47 साल है और राजनीति में उन्होंने अब जाकर औपचारिक प्रवेश लिया है. ऐसा माना जाता है कि वह अभी तक राजनीति से इसलिए दूर रहीं क्योंकि तुरंत ही उनकी तुलना राहुल गांधी के साथ शुरु हो जाती.

सोनिया गांधी के बाद राहुल गांधी को कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया था. ऐसी भी चर्चाएं रही हैं कि सोनिया गांधी की तबियत के मद्देनजर प्रियंका रायबरेली से चुनाव लड़ सकती हैं हालांकि कभी कहीं राहुल, सोनिया और प्रियंका ने ऐसा नहीं कहा.

ये तो सभी जानते हैं कि यूपी में समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन की रूपरेखा प्रियंका ने ही बनाई थी और खुद अखिलेश से बात भी की थी. हालांकि इस गठबंधन को यूपी में सफलता नहीं मिल पाई.

प्रियंका गांधी अभी तक अमेठी और रायबरेली में राहुल गांधी और सोनिया गांधी का प्रचार करती रही हैं. वे अभी तक राजनीति में नहीं आईं थीं हालांकि कांग्रेस के कार्यकर्ता लंबे वक्त से ये मांग करते रहे थे कि उन्हें सक्रिय राजनीति में लाया जाए.

वैसे अभी तक प्रियंका परदे के पीछे रह कर कांग्रेस के लिए रणनीति बनाती रही हैं. माना जाता है कि राहुल और सोनिया उनसे सलाह भी लेते हैं. माना जाता रहा है कि प्रियंका कांग्रेस का सबसे बड़ा ट्रंप कार्ड हैं और उनके आने से कांग्रेस में नई जान पड़ जाएगी.