प्रयागराज: कुंभ मेले में कांग्रेसियों ने प्रियंका गांधी का एक नया पोस्टर लगाया है जिसमें उन्हें को देवी दुर्गा के रूप में पेश किया गया है. पोस्‍टर में प्रियंका गांधी हाथ में त्रिशूल, तलवार, फर्सा लिए शेर पर सवार हुए दिखाई दे रही हैं. साथ में ''कांग्रेस की दुर्गा, शत्रुओं का करेगी वध'' स्लोगन भी लिखा गया है. पोस्टर में नीचे की तरफ महासचिव इरशाद उल्लाह और कांगेस सिपाही अनिल चौधरी की भी फोटो है.

पोस्टर में इन 10 बिंदुओं का भी जिक्र किया गया है.....

महिलाओं को सुरक्षा मंहगाई पर रोक युवाओं को रोजगार किसानों का कर्ज माफी पेट्रोल, गैस सस्ती लोकपाल बिल लागू राम मंदिर की पहल मुस्लिम, दलितों की सुरक्षा बिजली हाफ, हाउस टैक्स माफ व्यापारियों का जीएटी में राहत

बता दें कि प्रियंका गांधी को पूर्वी यूपी की कमान सौंपी गई है. प्रियंका के आने से पहले पार्टी दफ्तर को भी संवारा जा रहा है. उनके आगमन की तिथियों पर भी विचार किया जा रहा है. कांगएस दफ्तर के आस-पास बनी ऊंची इमारतों के बीच छिपे कांग्रेस मुख्यालय की सफेदी करवाई गई है. पुराने मीडिया-संवाद भवन को तोड़कर एक नया और बड़ा भवन तैयार किया जा रहा है, जिसमें नई टाइल्स, खिड़कियां और नए एयरकंडीशनर लगाए जा रहे हैं.

इन सीटों पर होगी कांग्रेस की नज़र

ऐसा कहा जाता है कि दिल्ली में पीएम बनने का रास्ता यूपी से होकर आता है. ऐसे में एसपी और बीएसपी के दरकिनार करने के बाद कांग्रेस की नज़रें उन सीटों पर है, जिनपर वह 2014 दूसरे और तीसरे नंबर पर रही थी.

अमेठी और रायबरेली की सीट जीतने के अलावा कांग्रेस 6 सीटों पर दूसरे नंबर पर रही थी. ये 6 सीटें सहारनपुर, गाजियाबाद, लखनऊ, कानपुर, बाराबंकी और कुशीनगर हैं. इन सभी सीटों पर कांग्रेस के दिग्गज नेता राज बब्बर, श्रीप्रकाश जायसवाल, पी एल पुनिया ने चुनाव लड़ा था. कांग्रेस के ये दिग्गज चुनाव तो नहीं जीत पाए, पर दूसरे नंबर पर आने में कामयाब रहे थे.

2014 के लोकभा चुनाव में 4 सीटों पर कांग्रेस तीसरे नंबर की पार्टी बनने में कामयाब हुई थी. इनमें खीरी, धुव्रा, प्रतापगढ़ और मिर्जापुर की सीट शामिल है. इसके अलावा उन्नाव, इलाहाबाद, गोंडा में कांग्रेस चौथे नंबर पर रही थी, लेकिन एसपी और बीएसपी की तुलना में उसके वोटों का अंतर 5 हजार से भी कम था.

2009 में जीती थीं 21 सीटें

2009 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस उत्तर प्रदेश की 80 में से 21 सीटें जीतने में सफल रही थी. इतना ही नहीं कांग्रेस ने बाद में फिरोजाबाद का उप चुनाव भी जीता था और उसकी सीटों की संख्या 22 हो गई थी. लेकिन 2017 के विधानसभा चुनाव में एसपी के साथ गठबंधन करने के बावजूद कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा था.