प्रयागराज: प्रयागराज में खस्ताहाल यातायात की स्थिति पर स्वतः संज्ञान लेते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मंगलवार को प्रदेश के नगर विकास एवं वित्त विभाग के प्रमुख सचिवों, प्रयागराज के जिलाधिकारी, प्रयागराज विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष और मुख्य नगर नियोजक, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक और लोक निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता को नोटिस जारी किया है. न्यायमूर्ति पी.के.एस. बघेल और न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल की पीठ ने हाई कोर्ट के पंजीयक को जनहित याचिका पंजीकृत करने का निर्देश दिया और मामले की अगली सुनवाई की तारीख 12 जुलाई तय की. पीठ ने कहा, “हाल ही में कुम्भ मेले के दौरान केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा सड़कों को चौड़ा करने और उनके सौंदर्यीकरण के लिए करोड़ों रुपये मंजूर किए गए, लेकिन यातायात के नियमन के लिए कोई योजना लागू नहीं की गई और पार्किंग के स्थान की भारी कमी है.” नगर में पार्किंग सुविधाओं की कमी पर अदालत ने कहा, “हम इस तथ्य से अवगत हैं कि सिविल लाइंस में केवल एक बहुमंजिला पार्किंग है जिसकी क्षमता एक समय में केवल 335 वाहनों को पार्क करने की है. हमारे अनुभव से पता चलता है कि मुख्य मार्गों पर बेतरतीब ढंग से सैकड़ों वाहन पार्क किए जाते हैं.” अदालत ने सभी अधिकारियों को जवाबी हलफनामा दाखिल कर सुनवाई की अगली तारीख तक इस बारे में बताने को कहा.
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