नई दिल्ली: पीआईबी ने बिहार के मुजफ्फरपुर स्थित बालिका गृह यौन उत्पीड़न मामले के मुख्य आरोपी ब्रजेश कुमार की मान्यता आज रद्द कर दी. वह हिंदी, अंग्रेजी और उर्दू में प्रकाशित होने वाले अखबारों का मालिक है. दरअसल, यह आरोप है कि बड़े पैमाने पर सरकारी विज्ञापन पाने के लिए इन अखबारों के सर्कुलेशन का आंकड़ा बढ़ा चढ़ा कर पेश किया गया था.

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के तहत आने वाले पीआईबी ने अपने आदेश में कहा है कि ‘प्रात: कमल’ हिंदी दैनिक के संवाददाता ब्रजेश कुमार को जारी कार्ड संख्या 2275 की पीआईबी प्रेस मान्यता सक्षम प्राधिकार की मंजूरी से तत्काल प्रभाव से रद्द करने का फैसला किया गया है. उसके कथित आपराधिक संलिप्तता के मद्देनजर यह कदम उठाया गया है.

पीआईबी ने सभी मंत्रालयों और संबद्ध विभागों से भी यह कहा है कि कुमार की मान्यता के आधार पर उन्हें दी गई सारी सुविधाएं वापस ले ली जाए. इनमें स्वास्थ्य सुविधाएं, ठहरने का सरकारी इंतजाम, रेलवे पास और दूसरे फायदें शामिल हैं.

बिहार सरकार के सूचना एवं जन संपर्क विभाग (आईपीआरडी) ने 31 मार्च को कुमार के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज होने के बाद उनकी प्रेस मान्यता रद्द कर दी. इसने यह पता लगाने के लिए जांच भी शुरू कर दी है कि ब्रजेश कुमार और उनके सहकर्मियों ने मान्यता प्राप्त पत्रकारों को प्राप्त सुविधाओं का क्या कभी दुरूपयोग किया है.

अधिकारियों ने बताया कि कुमार को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के एक पॉश इलाके में पीआईबी मान्यता प्राप्त पत्रकार कोटा के तहत एक सरकारी मकान भी मिला हुआ है, जहां उनका दिल्ली कार्यालय है. ब्रजेश कुमार के खिलाफ कल एक नयी प्राथमिकी दर्ज की गई. उनके एनजीओ की तरफ से संचालित एक स्वयं सहायता समूह के परिसर से 11 महिलाओं के लापता होने के सिलसिले में यह एफआईआर दर्ज की गई.

मुजफ्फरपुर स्थित बालिका गृह यौन उत्पीड़न मामले की जांच सीबीआई ने अपने हाथों में ले ली है और ब्रजेश कुमार अभी न्यायिक हिरासत में हैं. यह मामला वहां रहने वाली लड़कियों के मानसिक, शारीरिक और यौन उत्पीड़न से संबद्ध है.