पटना: बिहार खासकर राजधानी पटना में बारिश के बाद बाढ़ से स्थिति गंभीर बनी हुई है. पिछले पांच दिनों से शहर में जल जमाव है. पानी के साथ आए कचरों से सड़ांध फैल गई है. निचले इलाके में तो कहीं-कहीं कमर तक पानी भरा है. अब महामारी फैलने का खतरा है. हजारों लोग बेघर हैं और उन्हें राहत शिविरों में रखा गया है.
जानमाल के नुकसान की बात करें तो बिहार में अब तक 40 लोगों की मौत हो चुकी है. हालांकि पटना वासियों को थोड़ी राहत जरूर मिली है. पटना में कल दोपहर से तेज बारिश नहीं हुई है. मौसम विभाग के मुताबिक, आज राजधानी में बारिश नहीं होगी. पानी का जलस्तर घट रहा है.
बाढ़-बारिश से सबसे ज्यादा 10 लोगों की मौत भागलपुर में हुई है. वहीं पटना में 4, गया में छह, कैमूर में चार, खगड़िया में तीन, भोजपुर में तीन, बेगुसराय में दो, नवादा, सीतामढ़ी, अरवल, बांका, कटिहार, पूर्णिया में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई है.
पटना में राज्यभर से आए छात्रों की संख्या अधिक है. बाढ़ में फंसे छात्रों को घर से निकालने का काम जारी है. राज्य सरकार खाना, दवा और अन्य जरूरी सुविधाएं मुहैया कराने के लिए हेलिकॉप्टर का सहारा ले रही है. साथ ही एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और अन्य विभाग की टीम लोगों को मदद पहुंचा रही है. कई सामाजिक संस्थाएं भी काफी सक्रिय हैं.
एक्शन में केंद्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आदेश पर आज नौ बजे केंद्रीय कैबिनेट सचिव और गृह सचिव के साथ बिहार के मुख्य सचिव और प्रधान सचिव आपदा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए बचाव और राहत पर बात करेंगे. पीएम मोदी ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से जल जमाव और बाढ़ को लेकर सोमवार को बात की थी.
बाढ़ की वजह से आम और खास सब परेशान हैं. सोमवार को उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी और मशहूर गायिका शारदा सिन्हा को तीन दिनों बाद घर से निकाला गया.
सुशील मोदी का रेस्क्यू पटना के राजेंद्रनगर की सड़कों पर पानी भर जाने के बाद बीजेपी नेता सुशील मोदी तीन दिनों से अपने आवास पर फंसे हुए थे. सोमवार को एनडीआरएफ की टीम ने मोदी और उनके परिवार को घर से बाहर निकाला. इस दौरान पत्रकार उनसे बात करने की कोशिश करते रहे, लेकिन वह बिना कुछ बोले निकल गए.
बाढ़ पीड़ित बिहार में सत्तारूढ़ बीजेपी-जेडीयू सरकार को भयावह स्थिति के लिए जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. उनका कहना है कि लंबे समय तक सत्ता में रहने के बावजूद राजधानी पटना में ड्रेनेज सिस्टम को ठीक नहीं किया गया है. विपक्षी पार्टियां भी सरकार को कठघरे में खड़ी कर रही है.