गाजियाबाद: इंदिरापुरम की पार्श्वनाथ मैजिस्टिक सोसायटी से एक बच्ची का अपहरण होते-होते बचा. अपहरणकर्ता ने बच्ची के पास आकर कहा कि उसके पिता का एक्सीडेंट हो गया है और वो तुरंत उसके साथ चले. इस पर बच्ची ने उससे पापा का कोड बताने के लिए कहा. अपहरणकर्ता हक्का-बक्का रह गया और तुरंत फरार हो गया. सूचना पर पहुंची पुलिस जांच कर आरोपी की तलाश में जुटी है.
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परिवार बच्ची को सामने लाना और अपनी पहचान छुपाना चाहता है लेकिन जो इस परिवार ने किया है वह जानना देश के सभी माता-पिता और बच्चों के लिए जरूरी है. बच्ची की मां के मुताबिक बच्चों के साथ हो रहे अपराध को अगर कम करना है अपनी मासूमों को कोडवर्ड सिखाइए. अगर कोड वर्ड सिखाएंगे तो बच्ची के साथ अपराध नहीं हो पाएगा.
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सोसायटी में 11 साल की बच्ची सोसाइटी के गेट नंबर 3 पर खेल रही थी. बच्ची को बाहर खड़े शख्स ने देखा और प्लान के तहत वह बच्ची के पास आया. उसने बच्ची से कहा कि उसके पिता का एक्सीडेंट हो गया है. बच्ची घबराई नहीं. उसने उल्टा बदमाश से सवाल पूछना शुरु कर दिया.
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बदमाश कहने लगा कि वह उसको उसके पिता के पास ले जा सकता है लेकिन बच्ची ने कह दिया कि अगर ऐसा हुआ है तो उसे उसके पिता का कोड जब तक नहीं मिलेगा, तब तक वह नहीं जाएगी.
दरअसल 11 साल की मासूम बच्ची के माता-पिता ने उसे कोड वर्ड की भाषा सिखाई है. उन्होंने कहा कि अगर कोई भी अनजान व्यक्ति बच्ची से बात करता है और कहीं चलने को कहता है, या फिर माता पिता से संबंधित किसी बात को लेकर साथ चलने को कहता है तो जब तक वह शख्स माता-पिता द्वारा बच्ची को दिया कोड ना बता दे, तब तक बच्ची साथ ना जाए.
बच्ची ने समझदारी दिखाते हुए किया भी यही. जब बच्ची ने ज्यादा सवाल जवाब पूछे तो बदमाश को भागना पड़ा. इस बीच शोर भी मच गया. बच्ची के पिता सॉफ्टवेयर इंजीनियर है और मां हाउसवाइफ हैं. मां ने हमेशा कोडवर्ड और गुड टच-बैड टच के बारे में बेटी को सिखाया है. जिसका फायदा बच्ची को मिला.