लखनऊ: सोशल मीडिया में एक गर्भवती महिला की पिटाई का वीडियो तेज़ी से वायरल हो रहा है. ये महिला मुक्ता कुशवाहा हैं. लखनऊ में विरोध प्रदर्शन के दौरान उसके साथ ये हादसा हुआ. वीडियो में वो रोती हुई मदद की गुहार लगा रही हैं. मुक्ता का आरोप है कि पुलिसवाले ने उसके पैर में डंडा मारा, जिसके बाद वो जमीन पर गिर गई. उनकी पेट में तेज दर्द होने लगा उन्हें डर था कि कहीं चार महीने का उनका बच्चा न गिर जाये, और अब पुलिस उनपर अपना बयान बदलने का दबाव बना रही है.

मुक्ता के लगातार रोते रहने पर पुलिसवाले उसे जीप में बिठा कर अस्पताल में ले गए. हज़रतगंज के झलकारी बाई महिला हॉस्पिटल में उसे भर्ती कराया गया. कल उसे डिस्चार्ज किया गया. अस्पताल के डॉक्टरों ने बताया कि मुक्ता को दर्द की दवा दी गई. वो कमज़ोरी महसूस कर रही थी. इसके बाद उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई. डिस्चार्ज होने के बाद महिला ने अपनी आपबीति सुनाई. इलाहाबाद की रहने वाली मुक्ता कुशवाहा बीएड और टीईटी की परीक्षा पास कर चुकी है. मायावती के राज में प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती निकली थी. अखिलेश यादव की सरकार में भर्ती के नियमों में बदलाव कर दिया गया. मामला कोर्ट में चला गया. इस बीच मुक्ता की उम्र 40 को पार कर गई. अब वो सरकारी टीचर बनने लायक नहीं रहीं. मुक्ता कहती हैं कि अब वे क्या करें ? कहां जायें ? यही बात कहने वे अपने साथियों के साथ लखनऊ आईं थीं. राज्य के कोने कोने से आये बीएड और टीईटी पास लोग ईको गार्डन के पास विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. इसी दौरान पुलिस से उनका आमान सामना हो गया. मुक्ता की चार साल की एक बेटी है. उनके पति रत्नेश कुमार प्राइवेट नौकरी करते हैं. मुक्ता कहती हैं जब चुनाव हो रहा था तो बीजेपी नेताओं ने उनकी मदद का वादा किया था. इलाहाबाद में केशव मौर्य भी उनके साथ धरने पर बैठे थे. योगी आदित्यनाथ ने भी उनकी मांगे मान लेने की बात कही थी. लेकिन अब सब अपने वादे से मुकर रहे हैं. बीएड और टीईटी पास कुछ लोगों ने समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव से भी मुलाक़ात की. अखिलेश ने सबकी बातें सुनी और हर तरह की मदद का भरोसा दिया. मीडिया से बात करते हुए अखिलेश ने कहा कि बीजेपी सरकार नौजवानों के सपने साकार नहीं करने दे रही है. जो भी लखनऊ आता है, लाठी ही खाता है. शिक्षामित्र से लेकर बेरोज़गार नौजवान इन दिनों लखनऊ की सड़कों पर यूपी सरकार के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रहे हैं.