लखनऊ: लखनऊ में हुई एपल कम्पनी के मैनेजर विवेक तिवारी की हत्या मामले में योगी के मंत्री ओमप्रकश राजभर का बड़ा बयान सामने आया है. राजभर ने योगी की पुलिस पर निशाना साधते हुए कहा की पुलिस विभाग में ऐसे अधिकारी और कर्मचारी हैं जो वाहवाही लूटने के लिए बेकसूर लोगों की एनकाउंटर के नाम पर हत्या कर रहे हैं. उन्होंने योगी राज में हुए अब तक के सभी एनकाउंटर पर सवाल खड़े किये हैं.
बरेली पहुंचे ओमप्रकाश राजभर ने उन्होंने कहा की इसका जीता जागता उदाहरण लखनऊ में विवेक तिवारी की हत्या है. उन्होंने कहा की अभी तक जो भी एनकाउंटर हुए है उन सभी पर प्रश्नवाचक चिन्ह लग गया है. मामले के तूल पकड़ने पर दोनों पुलिस वालों के खिलाफ कार्यवाही की गई और उन्हें जेल भेजा गया. उन्होंने कहा की पहले एनकाउंटर होते रहे लेकिन पुलिसवालों पर कोई कार्यवाही नहीं हुई जिस वजह से उनके हौसले बुलंद हो गए.
संगीत सोम पर हमले की हो एसआईटी जांच, सुरक्षा बढ़ाने के लिए करवाया गया हमला
ओमप्रकाश राजभर ने संगीत सोम के घर पर हुए हमले के मामले पर कहा की मामले की एसआईटी से जांच होनी चाहिए जिससे दूध का दूध और पानी का पानी हो जायेगा. उन्होंने कहा की ये प्रथा बना ली गई है कुछ दिनों पहले कुछ विधायकों ने भी कहा था की उन्हें फोन पर धमकी मिली है. किसी से फोन करवाकर धमकी दिलवालो और सुरक्षा बढ़वा लो. उन्होंने कहा की ये सबकुछ सुरक्षा बढ़वाने के लिए किया जा रहा है. उन्होंने कहा की संगीत सोम को तो सुरक्षा मिली हुई है जिस वक्त उनपर हमला हुआ सुरक्षाकर्मी कहा गए हुए थे क्या सभी छुट्टी पर गए हुए थे. गोली चली, बम फटा लेकिन कोई घायल नहीं हुआ. किसी के चोट नहीं आई.
नेता नहीं चाहते कि अयोध्या में बने मंदिर या मस्जिद
ओमप्रकाश राजभर ने अयोध्या मामले पर आये फैसले पर कहा की विवादित जगह पर नमाज नहीं होनी चाहिए. हम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं. इसके साथ ही उन्होंने कहा की नेता नहीं चाहते की मंदिर या मस्जिद बने. वो चाहते हैं की दंगा हो लोग आपस में लड़ें. उन्होंने कहा की मंदिर मस्जिद के नाम पर सिर्फ राजनीती हो रही है.
बीजेपी विधायक पप्पू भरतौल पे हुई कार्यवाही को सही बताया
ओमप्रकाश राजभर ने बीजेपी विधायक राजेश मिश्रा उर्फ़ पप्पू भरतौल पर हुई कार्यवाही पर कहा कि एसएसपी मुनिराज ने कानून हाथ में लेने वाले के खिलाफ कार्रवाई की है, हम उन्हें धन्यवाद देते हैं और इसी तरह का काम होना चाहिए. उन्होंने कहा की विधायक, सांसद या मंत्री कोई भी हो किसी को भी कानून हाथ में लेने का अधिकार नहीं है.