नई दिल्ली: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी चमकी बुखार से जा रही बच्चों की जान से जुड़े सवाल को टाल गए. जब उनसे इसको लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया. दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सर्वदलीय बैठक से जब नीतीश बाहर निकले और उनसे चमकी बुखार से बच्चों की मौत पर सवाल पूछा तो वह बिना जवाब दिए गाड़ी का दरवाजा बंद कर निकल गए. बता दें कि जब नीतीश मंगलवार को मुजफ्फरपुर के श्रीकृष्ण सिंह मेडिकल कॉलेज पहुंचे तो वहां भी उन्होंने मीडिया से बात नहीं की.
वहीं आज जब बिहार के उपमुख्यमंत्री से एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसको लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि इस सवाल के लिए अलग से प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे तब जवाब दिया जाएगा. बता दें कि बिहार में एक्यूट इन्सेफ्लाइटिस सिंड्रोम (एईएस) से अबतक 137 बच्चों की जान जा चुकी है. सबसे ज्यादा मौत मुजफ्फरपुर में हुई है.
उधर मुजफ्फरपुर के श्रीकृष्ण सिंह मेडिकल कॉलेज के सुप्रीटेंडेंट सुनील कुमार शाही ने आज बताया कि 68 बच्चे आईसीयू में और 65 बच्चे वार्ड में हैं. आज पांच बच्चों की मौत हुई है. हालात में सुधार की दर बढ़ रही है क्योंकि परिजन बच्चों को जल्दी असप्ताल ला रहे हैं.
कांग्रेस ने दिमागी बुखार से बच्चों की मौत को ‘राष्ट्रीय त्रासदी’ करार दिया और आरोप लगाया कि इस स्थिति के केंद्र और राज्य सरकार दोनों जिम्मेदार हैं. पार्टी नेता गौरव गोगोई ने यह भी कहा कि पिछले कई सालों से इन्सेफेलाइटिस से बच्चों की मौत होती आ रही है, लेकिन चिकित्सा सुविधाओं पर पूरा ध्यान नहीं दिया गया. उन्होंने कहा, ‘‘बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे इस दुखद स्थिति से निपटने की बजाय क्रिकेट मैच का स्कोर पूछ रहे हैं. ऐसा लगता है कि कोई जवाबदेही नहीं है.’’