नयी दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव पर 1990 में अयोध्या में ‘कारसेवकों’ पर फायरिंग करने के कथित आदेश देने के मामले में प्राथमिकी दर्ज कराने के लिये दायर याचिका बुधवार को खारिज कर दी. न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति के एम जोसेफ की पीठ ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के तीन मई, 2016 के आदेश के खिलाफ अपील दायर करने में विलंब के आधार पर याचिका खारिज की.
इस याचिका में आरोप लगाया गया था कि 30 अक्टूबर, 1990 को अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिये ‘शांतिपूर्ण आन्दोलन’ में हिस्सा ले रहे लोगों पर पुलिस फायरिंग में अनेक ‘कार सेवक’ मारे गये थे. यह याचिका लखनऊ के एक निवासी ने दायर की थी. इस व्यक्ति ने 2014 में यादव के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का निर्देश देने का अनुरोध करते हुये निचली अदालत में मामला दायर किया था.
इस शख्स का आरोप था कि समाजवादी पार्टी के नेता ने सार्वजनिक बयान दिया है कि उन्होंने मुसलमानों का विश्वास हासिल करने के लिये ‘कार सेवकों’ पर गोली चलाने का पुलिस को आदेश दिया था.
निचली अदालत ने उसकी शिकायत खारिज कर दी थी. इसके बाद हाई कोर्ट ने भी इसे खारिज कर दिया था.