नई दिल्लीः मध्य प्रदेश में जन आशीर्वाद यात्रा के दौरान सीधी में सीएम शिवराज पर पत्थर फेंके गए और काले झंडे दिखाए गए. कल सीएम शिवराज की जन आशीर्वाद यात्रा जब सीधी पहुंची तो चुरहट विधानसभा क्षेत्र में उनका जोरदार विरोध किया गया. बीजेपी का आरोप है कि पत्थरबाजी और काले झंडे कांग्रेस के प्रायोजित हमले हैं जबकि कांग्रेस आरोपों को खारिज कर रही है.


शिवराज के खिलाफ नारेबाजी हुई जिसमें उन्हें शिवराज सिंह मुर्दाबाद और वापस जाओ के नारों का सामना करना पड़ा, इतना ही नहीं उन्हें काले झंडे दिखाए गए और मुख्यमंत्री के रथ पर पत्थर भी फेंके गए. पत्थर फेंके जाने से कई जगह रथयात्रा की बस के शीशे चटक गए. इसके बाद शिवराज सिंह चौहान किसी तरह सभा स्थल तक पहुंचे लेकिन वहां भी कुछ कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने वापस जाओ के नारे लगाए.


बीजेपी का आरोप-कांग्रेस बौखला गई है
कल रात करीब साढ़े 9 बजे सीएम शिवराज जन आशीर्वाद यात्रा में चुरहट के लोगों का आशीर्वाद लेने पहुंचे थे लेकिन पत्थर फेंक कर और काले झंडे से उनका विरोध किया गया. हालांकि विरोध के बावजूद शिवराज की यात्रा में लोगों का हुजूम नजर आया. शिवराज ने आरोप लगाया कि कांग्रेस चुरहट में भीड़ देखकर बौखला गई है लेकिन कांग्रेस सभी आरोपों को खारिज कर रही है. उधर इस मामले में मध्य प्रदेश के मंत्री भी कांग्रेस और अजय सिंह पर ही आरोप मढ़ रहे हैं.



नेता विपक्ष अजय सिंह का है चुरहट क्षेत्र
दरअसल चुरहट क्षेत्र नेता विपक्ष अजय सिंह का है. लिहाजा शिवराज ने भी पत्थरबाजी और विरोध के लिए सीधे अजय सिंह को जिम्मेदार ठहरा दिया. मंच से हुंकार लगाई की शिवराज सिंह चौहान इतना कमजोर नहीं कि ऐसे विरोध से डर जाए. शिवराज ने अजय सिंह को याद दिलाने का प्रयास किया कि जब अजय सिंह उनके क्षेत्र में गए थे तब किस तरह उनका फूलों से स्वागत किया गया था.


शिवराज सिंह चौहान जिस अजय सिंह का जिक्र कर रहे हैं वो पूर्व सीएम अर्जुन सिंह के बेटे भी हैं और इसी नाते शिवराज ने अजय सिंह को शिष्टाचार और संस्कार का पाठ भी पढ़ाया.


एससी-एसटी एक्ट का विरोध कर रहे थे प्रदर्शनकारी
बीजेपी के कई नेताओं ने इसे कायरना हरकत बताया है तो पत्थर फेंकने वाले लोगों की शिनाख्त की कोशिश भी की जा रही है. हालांकि विरोध करने वालों में ऐसे लोग भी शामिल थे. जो एससी-एसटी एक्ट का विरोध कर रहे थे. दरअसल सीधी में शिवराज का जो विरोध हुआ उसकी वजह एससी एसटी एक्ट के खिलाफ जारी आंदोलन भी है, इस वक्त पूरे मध्य प्रदेश में सवर्ण समाज का विरोध प्रदर्शन बढ़ता ही जा रहा है, विरोध का शिकार कांग्रेस और बीजेपी दोनों पार्टियों के नेता हो रहे हैं.


भिंड, सागर और ग्वालियर में भी शिवराज सरकार का विरोध
मध्यप्रदेश में इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन लगातार बढ़ रहा है. भिंड, सागर और ग्वालियर में भी शिवराज सरकार का विरोध हुआ. वहां सामान्य वर्ग के लोगों ने एससी एक्ट के खिलाफ प्रदर्शन किया. ग्वालियर में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के बंगले का सवर्ण समाज के लोगों ने घेराव किया, ग्वालियर में रहने वाले तीन मंत्रियों के बंगलों की सुरक्षा भी बढ़ा दी गयी है, वहीं भिंड में सांसद भागीरथ प्रसाद को काले झंडे दिखाए गए और विरोध प्रदर्शन हुआ. सांसद भागीरथ प्रसाद भी एससी एसटी संशोधन बिल पर सफाई देते नज़र आए.


सवर्ण समाज में हर पार्टी के खिलाफ नाराजगी
मुश्किल सिर्फ बीजेपी नेताओं की नहीं है, सवर्ण समाज में हर पार्टी के खिलाफ नाराजगी है, कांग्रेस नेता कमलनाथ छिंदवाड़ा से सांसद हैं, वहां भी इसका विरोध हुआ, यहां तो पिछड़ा वर्ग भी सवर्णों के साथ आ गया है, दुकानदारों ने बैनर लगाए हैं, न मोदी न शिवराज न नाथ न महाराज. चूंकि चुनाव सिर पर हैं इसलिए बीजेपी मुश्किल में है, नेताओं को जवाब देते नहीं बन रहा है.


नेताओं की मुश्किलों को और ज्यादा बढ़ाने के लिए सपाक्स नाम का संगठन भी मैदान में उतर चुका है. जो लगातार एससी एसटी एक्ट के खिलाफ अभियान चला रहा है, नीमच में इन्होंने बड़ी रैली की है. आंदोलन हर दिन बड़ा रूप लेता जा रहा है, छह सितंबर को सोशल मीडिया पर बंद का आह्वान किया गया है.