नवादा: सांप्रदायिक हिंसा के आरोपियों और दोषियों के समर्थन में आवाज उठाने को लेकर जयंत सिन्हा के बाद अब मोदी सरकार के मंत्री गिरिराज सिंह विवादों में आ गये हैं. सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री (एमएसएमई) गिरिराज सिंह ने बिहार के नवादा में आज हिंसा के आरोपियों जीतू और कैलाश विश्वकर्मा के परिजनों से मुलाकात की. ये आरोपी कथित तौर पर नवादा शहर में मार्च में हुई हिंसा फैलाने के मामले में जेल में बंद हैं. सिंह ने कल ही जेल जाकर दोनों आरोपियों से मुलाकात की थी.

गिरिराज सिंह ने अपनी ही सरकार (बीजेपी-जेडीयू) की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कहा कि जो लोग सांप्रदायिक सौहार्द्र को बनाने में जुटे थे उन्हें ही प्रशासन ने गिरफ्तार कर लिया यह दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने कहा, ''जिस ढंग से लोगों को फंसाया गया यह दुर्भाग्यपूर्ण है. सामाजिक सौहार्द्र के लिए जब 2017 में यहां रामनवमी के समय तनाव हुआ था तो ये लोग शांति बहाल करने की कोशिश कर रहे थे. जब अकबरपुर में दुर्गा की मूर्ति को तोड़ा गया तो ये लोग शांति बहाल में थे.''

बीजेपी के वरिष्ठ नेता गिरिराज सिंह ने आगे कहा जब इसी साल मार्च में नवादा के बाइपास के पास हनुमान जी की मूर्ति को तोड़ा गया तो ये लोग (आरोपी) सामाजिक सौहार्द्र बनाने में थे. लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण है कि प्रशासन के मन में ये बैठ गया है कि सांप्रदायिक सौहार्द्र तभी ठीक होगा जब मैं हिंदुओं को दबा दूंगा. ये दुर्भाग्यपूर्ण है. मैं प्रशासन और समाज से निवेदन करूंगा की ये रवैया छोड़ दिया जाए.

आपको बता दें कि 3 जुलाई को बजरंग दल के संयोजक जीतू को 2017 में दंगा भड़काने का आरोप में नगर थाना से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था. गिरफ्तारी के विरोध में सर्मथको ने सड़क जाम कर दिया था और टायर जलाकर विरोध किया था. सर्मथको के द्वारा 4 जुलाई को बाजार बंद करने का निर्णय लिया था. लेकिन पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 5 सर्मथकों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था.

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इसी घटना में गिरिराज सिंह शनिवार को जेल में बंद बजरंग दल के संयोजक जीतू और कैलाश विश्वकर्मा से मुलाकात की. आज गिरिराज सिंह ने जीतू और कैलाश विश्वकर्मा के परिजनों से मुलाकात की.

आपको बता दें की कल ही मोदी सरकार के एक अन्य मंत्री जयंत सिन्हा तब विवादों में आ गये थे जब उन्होंने रामगढ़ लिंचिंग के दोषियों को जमानत मिलने के बाद फूल माला पहनाकर स्वागत किया था. जयंत सिन्हा के इस कदम की बीजेपी के पूर्व नेता और उनके पिता यशवंत सिन्हा ने भी आलोचना की थी. उन्होंने नालायक बेटा तक कह दिया था.

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क्या है मामला? रामगढ़ लिंचिंग मामले में 11 दोषी हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद जेल से बाहर आए हैं. इन्हें निचली अदालत ने 40 साल के अलीमुद्दीन अंसारी  की पीट पीट कर कर हत्या करने के मामले में दोषी करार दिया था और आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. अलीमुद्दीन की हत्या पिछले साल 29 जून को झारखंड के रामगढ़ में की गई थी. लिंचिंग में शामिल दोषियों ने अलीमुद्दीन पर बीफ ट्रांसपोर्ट करने का आरोप लगाकर उसकी गाड़ी को आग के हवाले कर दिया था.

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