भोपाल: मध्य प्रदेश के सतना में एक ऐसा गांव है जहां के एक हजार से ज्यादा वोटर्स को शक है कि वो इस बार चुनाव में अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर पाएंगे. वजह ये है कि गांव के जिस स्कूल में पोलिंग बूथ बनाया गया है वहां जाने का रास्ता ही नहीं बचा है. नतीजा गांव के वोटर्स चिंता में है तो कई दिनों से स्कूली बच्चे भी अपने स्कूल तक नहीं पहुंच पा रहे हैं.

बता दें कि सतना से करीब 17 किलोमीटर दूर कोठरा गांव में स्कूली बच्चे पेड़ के नीचे पढ़ाई करने को मजबूर हैं. पेड़ की छांव में जमीन पर बच्चों को बिठाकर क्लास लगती है और कुर्सी पर बैठकर टीचर पढ़ाते भी हैं. लेकिन ऐसा नहीं है कि गांव में स्कूल नहीं है. स्कूल की इमारत तो बनी है लेकिन वहां जाने के लिए रास्ता नहीं है क्योंकि गांव के कुछ दबंग किसानों ने स्कूल जाने वाले रास्ते की जुताई कर उसे अपने खेतों में मिला लिया है.

बीते कुछ दिनों से इसी तरह करीब 120 छात्र अपने स्कूल से दूर सड़क किनारे पढ़ाई करने के लिए मजबूर हैं क्योंकि दबंगों ने अपने खेत से गुजरते हुए स्कूल तक पहुंचने से मना कर रखा है. लेकिन इस गांव की समस्या का चुनावी कनेक्शन भी है. मतलब ये कि रेगांव विधानसभा का 246 नंबर पोलिंग बूथ को कोठरा के इसी स्कूल में बनाया गया है जहां तक पहुंचने का रास्ता नहीं है. ऐसे में यहां के 1095 वोटरों के सामने सवाल है कि वो 28 नवंबर को वोट कैसे डालेंगे.

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यानी अब जिला प्रशासन के सामने चुनौती ये सुनिश्चित करने की है कि रेगांव विधानसभा के कोठरा गांव के 1095 वोटर इस बार अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकें.

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