भोपाल: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल की गोविंदपुरा सीट बीजेपी के लिए सिर दर्द बन गई है. बीजेपी ने अपनी पहली लिस्ट में गोविंदपुरा सीट से किसी भी उम्मीदवार का नाम घोषित नहीं किया है. इसी सीट से पूर्व सीएम बाबूलाल गौर विधायक हैं. गौर ने पहले तो निर्दलीय चुनाव लड़ने का एलान किया लेकिन फिर सुर थोड़े नरम कर लिए.
बता दें कि मध्य प्रदेश में भोपाल की गोविंदपुरा सीट बीजेपी की सबसे सुरक्षित सीट मानी जाती है. बाबूलाल गौर गोविंदपुरा से लगातार 10 बार चुनाव जीत चुके हैं. अब वह 11वीं बार भी गोविंदपुरा से चुनावी ताल ठोंकने को तैयार हैं. लेकिन टिकट को लेकर तस्वीर साफ नहीं है. बाबूलाल गौर चाहते हैं कि या तो उन्हें 11वीं बार मौका मिले या फिर उनकी बहू कृष्णा गौर को टिकट दिया जाए. दोनों ने अभी उम्मीदें नहीं छोड़ी है.
बीजेपी की पहली लिस्ट जारी होने के बाद जब पार्टी की ओर से ये संकेत मिले की गोविंदपुरा से नए चेहरे को मौका दिया जाएगा तो गौर ने पहले निर्दलीय चुनाव लड़ने का इशारा दे दिया था. अब कृष्णा गौर और बाबूलाल गौर सीएम और पीएम के नाम की दुहाई दे रहे हैं.
बीजेपी के भीतर एक बुजुर्ग नेता की फजीहत पर कांग्रेस मजे ले रही है. कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह अब बीजेपी को नसीहत दे रहे हैं. अभी कुछ दिनों पहले खुद दिग्विजय को ही कांग्रेस में किनारे करने के सवाल पर सीएम शिवराज सिंह चौहान ऐसी ही नसीहत कांग्रेस को दे रहे थे. इन सबके बीच फिलहाल बाबूलाल गौर बीजेपी की दूसरी लिस्ट के एलान का इंतजार कर रहे हैं. इसके बाद वो कोई बड़ा एलान कर सकते हैं.
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सरताज सिंह ने भी दिए बगावत के संकेत
सूबे के बुजुर्ग नेता सरताज सिंह ने भी टिकट न मिलने की स्थिति में बगावत के संकेत दिए हैं. सरताज सिंह बीजेपी के सिवनी मालवा विधानसभा क्षेत्र से विधायक है. वह अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे, उसके बाद राज्य सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे, मगर उनसे लगभग डेढ़ साल पहले उम्र का हवाला देकर मंत्री पद से इस्तीफा ले लिया गया था.
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