लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में पिछले एक महीने में ताबड़तोड़ अपराध हुए हैं. शहर में सिर्फ सितम्बर में ही अभी तक लगभग एक दिन छोड़कर रोज ही सार्वजनिक स्थानों पर गोलीबारी की 12 घटनाएं हुई हैं.

नगर पुलिस के प्रवक्ता के अनुसार, 12 मुठभेड़ों में से आठ निपटाई जा चुकी हैं. हालांकि हत्या के दो मामले अभी भी उलझे हुए हैं. इनमें एक मामला 21 सितंबर का है जिसमें बाइक सवार दो लोगों ने कैंट पुलिस स्टेशन से सिर्फ 100 मीटर दूर खान-पीने का ठेला लगाने वाले एक व्यक्ति की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी और 16 सितंबर की घटना जिसमें मोहनलाल गंज में एक भूतपूर्व सैनिक की बाइक सवार तीन हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी.

ज्यादातर हत्याओं में देशी पिस्टलों का उपयोग हुआ और हमले व्यापारिक दुश्मनी, संपत्ति विवाद और लूट के उद्देश्य से किए गए थे.

एक सेवानिवृत्त पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ने कहा कि 'खबरी' तंत्र के पूरी तरह से खत्म होने के कारण अपराध बढ़े हैं.

उन्होंने कहा, "पुलिस स्टेशन अपने क्षेत्रों में होने वाले अपराध को लेकर पूरी तरह अनभिज्ञ हैं. इससे पहले खबरी उन्हें घर में भी संभावित अपराधों की सूचना दे देते थे. लगातार ट्रांसफर होने से पुलिस अधिकारी अपने क्षेत्रों की स्थितियों या अपराधियों के गणित को समझने के इच्छुक नहीं हैं. यह अपराधियों के लिए खुली छूट है और अवैध हथियारों की तस्करी भी खूब हो रही है."

उन्होंने आगे कहा कि योजनाएं और नीतियां समाचार पत्रों और टीवी पर अच्छी लगती हैं लेकिन पुलिस को ठोस काम करने की जरूरत है.

उन्होंने कहा, "कितने स्टेशन हाउस अधिकारी (एसएचओ) अपने क्षेत्र के वरिष्ठ नागरिकों या अकेले रहने वाली महिलाओं को जानते हैं? कितने अधिकारी अपराधियों के नाम और उनकी गतिविधियां जानते हैं? वे अपने क्षेत्रों में आ रहे वीआईपी लोगों में ज्यादा रुचि लेते हैं."

वरिष्ठ अधिवक्ता आर.के. सिंह ने कहा, "कानून प्रभावी होने के लिए पर्याप्त रूप से कठोर नहीं है. अपराध की दर सिर्फ तभी कम होगी जब कानून का डर होगा जैसे कि हालिया मोटर व्हीकल एक्ट में संशोधन हुआ है. लोगों ने अचानक हेलमेट पहनना और सीट बेल्ट लगाना शुरू कर दिया है."

अपराध की इन वारदातों के बाद विपध ने भी प्रदेश की योगी सरकार को घेरना शुरू कर दिया है.

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा, "लखनऊ अब 'हत्या प्रदेश' बन चुका है और अपराधियों के मन से कानून का डर खत्म हो गया है. जीवन खतरे में है. पुलिस मौन है."

कांग्रेस की महासचिव और यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा, यूपी की बीजेपी सरकार पर लगातार निशाना साध रही हैं. प्रियंका गांधी वाड्रा ने उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था की स्थिति को लेकर कहा कि प्रदेश सरकार का अपराध पर कोई नियंत्रण नहीं है.

प्रियंका ने मंगलवार को ट्वीट किया, "आप उत्तर प्रदेश की बीजेपी सरकार के दावों और उनकी हकीकत का मिलान करके देखिए. बीजेपी सरकार हर रोज राज्य को अपराधमुक्त करने का ढोल पीट रही है, जबकि सच्चाई यह है कि 22 दिनों में 12 गोलीकांड, 4 हत्याएं, और महिलाओं पर अत्याचार. प्रदेश सरकार का अपराध पर कोई काबू नहीं है."

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