हाईकोर्ट ने एसएसपी लखनऊ के तबादले पर यूपी सरकार और डीजीपी से मांगा जवाब
एजेंसी | 17 Jul 2018 08:51 AM (IST)
लखनऊ विश्वविद्यालय में चार जुलाई को हुए उपद्रव के मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने एसएसपी दीपक कुमार के तबादले को लेकर सरकार से जवाब मांगा है.
लखनऊ: लखनऊ विश्वविद्यालय में चार जुलाई को हुए उपद्रव के मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने एसएसपी दीपक कुमार के तबादले को लेकर सरकार से जवाब मांगा है. अदालत ने पूछा कि उनका तबादला किस परिस्थिति में किया गया. न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति राजेश सिंह चौहान की खंडपीठ ने सोमवार को खुली अदालत में यह आदेश लखनऊ विश्वविद्यालय बवाल और गुंडई मामले में दर्ज जनहित याचिका पर दिया है. अदालत ने प्रदेश के प्रमुख सचिव (गृह) और डीजीपी को अपना जवाबी हलफनामा दाखिल कर यह भी बताने को कहा है कि किन हालात में किस सामग्री (मैटेरियल) (जो कि सरकार के पास उपलब्ध था) के आधार पर तत्कालीन एसएसपी का तबादला किया गया. अदालत ने लखनऊ विश्वविद्यालय में चार जुलाई को हुई गुंडई, मापीट व तोड़फोड़ की घटना का खुद संज्ञान लेते हुए यह याचिका दर्ज कराई थी. गत छह जुलाई को अदालत ने इस मामले में डीजीपी, एसएसपी समेत विश्वविद्यालय के कुलपति, कुलसचिव और कुलानुशासक को अपने-अपने जवाबी हलफनामे दाखिल करने के निर्देश दिए थे. राज्य सरकार की तरफ से अपर महाधिवक्ता विनोद कुमार शाही और मुख्य स्थायी अधिवक्ता रमेश पांडेय अदालत के समक्ष पेश हुए. उन्होंने अदालत को बताया कि मुख्य सचिव की अध्यक्षता में विश्वविद्यालय और उच्च शैक्षणिक संस्थानों में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न होने देने के लिए एक समिति बना दी गई है, जो महीनेभर में अपनी रिपोर्ट दे देगी. यूपी की इन 5 खास खबरों को भी पढ़ें मेरठ में गौकशी, SHO ने कहा, मेरी जिम्मेदारी है, इसलिए अपने खिलाफ ही दर्ज की शिकायत यूपी सरकार का बड़ा फैसला: अनिवार्य विषय में शामिल हुआ योग, होगी एक लाख टीचरों की भर्ती कभी बेचता था गोलगप्पे, अब बना भारत की अंडर-19 क्रिकेट टीम का सितारा जिन हाथों में था भीख मांगने का कटोरा, उन नन्हें-मुन्ने हाथों में पकड़ा दी कलम शहर-ए-इत्र कन्नौज: यहां की हवाओं में भी आती है भीनी-भीनी सी महक, मिलते हैं 500 से लेकर लाख रुपए तक के इत्र