गोरखपुरः लोकसभा चुनाव 2019 के तारीखों की घोषणा की उल्टी गिनती शुरू हो गई है. आचार संहिता लगने के कुछ ही घंटे पहले भाजपा गोरखपुर क्षेत्र की अहम बैठक सम्पन्न हुई है. बैठक में पिछले लोकसभा उप-चुनाव में हार के बाद बीजेपी और योगी की अहम मानी जाने वाली गोरखपुर सीट को वापस पाने और साल 2014 के लोकसभा चुनाव के रिकार्ड को बरकरार रखने के लिए रणनीति तैयार की गई.
आचार संहिता लगने से पहले भारतीय जनता पार्टी आज गोरखपुर क्षेत्र के 13 लोक सभाओं के 65 विधानसभाओं के विधायकों, सांसदों और पदाधिकारियों के साथ एक बड़ी बैठक की है. चुनाव में पार्टी की तैयारियों को लेकर इस बैठक को गोरखपुर के सरस्वती शिशु मंदिर विद्यालय में आयोजित किया गया. इस संगठनात्मक बैठक में 300 से अधिक बीजेपी के पदाधिकारी, विधायक और सांसद मौजूद रहे हैं.
रविवार को आचार चुनाव आयोग की शाम को होने वाली प्रेस कांफ्रेंस के पहले दोपहर में सम्पन्न हुई बैठक में कार्यकर्ताओं को आमजन के बीच जाकर बीजेपी के कार्यों और उससे होने वाले जनता को लाभ के बारे में बताने के निर्देश दिए गए हैं. इसके साथ ही सरकार की उपलब्धियों को जनता के सामने रखकर वोट बैंक को साधने की कोशिश की जाएगी.
लोकसभा उपचुनाव में मंदिर और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की साख को दांव पर लगाने वाली सीट हाथ से निकल जाने से पहले ही काफी किरकिरी हो चुकी है. पूरे देश की नजर इस बार लोकसभा चुनाव में गोरखपुर लोकसभा सीट पर गड़ी हुई है. ऐसे में जब ये सीट पहले ही बीजेपी के हाथ से खिसक चुकी है, तो अन्य सीटों पर भी इसका प्रभाव पड़ सकता है. ये सीट भाजपा और सीएम योगी के लिए प्रतिष्ठा का विषय भी बन गया है.
इसके साथ ही क्षेत्रीय पदाधिकारियों ने विधायकों और सांसदों को कई क्षेत्रों में पार्टी की कमजोर स्थिति के बारे में भी अवगत कराया. वहां पर जल्द से जल्द ज्यादा से ज्यादा प्रचार-प्रसार के जरिए पार्टी की स्थिति मजबूत करने का निर्देश दिया. माना जा रहा है कि आज की इस बैठक के बाद से बीजेपी इन 13 लोकसभाओं में खुलकर प्रचार-प्रसार और पार्टी को जीत दिलाने के लिए कार्य शुरू करेगी.