मुंबई: देशभर में कोरोना के कार लोग परेशान है. एक तरफ़ लोग अपने घरों में क़ैद हैं तो दूसरी तरफ़ देश के अलग-अलग हिस्सों में फंसे मज़दूर अपने घर पहुंचना चाहते हैं. रेल और सड़क के सभी साधन बंद होने के चलते ऐसे लोग पैदल ही अपने घर की ओर जा रहे हैं. ऐसे लोगों की मदद के लिए लोग आ रहे हैं. विरार में ऐसे लोगों की मदद के लिए एक स्कूल को आश्रय स्थल में तब्दील किया गया है.
हाईवे से पैदल चल कर कई मज़दूर मजबूरन राजस्थान, यूपी और मध्यप्रदेश जैसे राज्य के लिए हज़ारों किलोमीटर चलने को मजबूर हैं. इस बीच इन मज़दूरों के मदद के लिए कुछ ‘कोरोना वॉरियर्स’ सामने आए हैं. वसई विरार महापालिका की सहायता से कोरोना वॉरियर्स ने इलाके में मौजूद स्कूलों को आश्रय स्थल में तब्दील कर दिया गया है.रैन बसेरों में लोगों को ठहराया जा रहा है. सभी के लिए खाने-पीने से लेकर सोने तक का बेहतर इंतज़ाम किया गया है. इन लोगों में सबसे ज़्यादा मज़दूर राजस्थान, एमपी और यूपी के है. कई मज़दूर ऐसे है जो कई दिनों से बिना खाना खाए पैदल चले जा रहे थे. इनके पैरों में बुरी तरह छाले पड़े है. सभी मज़दूरों को अलग अलग कमरे में ठहराया गया है और सामाजिक दूरी का विशेष ध्यान रखा जा रहा है.
इसमें कई मज़दूर ऐसे भी हैं जो आश्रय स्थल में रहने को तैयार नही है. ऐसे लोग किसी भी सूरत मे अपने गांव पहुँचना चाहते हैं. उन्हें अपने परिवार की चिंता सता रही है. परिवार के लोग फ़ोन पर रोकर उन्हें घर वापस आने के लिए कह रहे है. ऐसे लोगों को विरार नगर महापालिका के कर्मचारियों के द्वारा समझाया जा रहा है. साथ ही इनसे अपील की जा रही है कि लॉकडाउन के दौरान वे यहीं रहें.
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