चश्मदीद गवाहों की हत्या के बाद ऐसे हुई कत्ल के आरोपी को उम्रकैद की सजा
एबीपी न्यूज़ | 17 Sep 2018 09:23 AM (IST)
हत्या की सजा से बचने के लिए आरोपी ने जेल में बैठकर साजिश रची और हत्या के गवाह मां-बेटे को दिनदहाड़े कत्ल करवा दिया. खत्म हो चुके परिवार में अकेली बची बहू की गवाही पर अदालत ने आरोपी के लिए आजीवन कारावास की सजा मुकर्रर की है.
मेरठ: एक अदालत ने हत्या के मुकदमे में चश्मदीद गवाहों के कत्ल के बाद आरोपी को उम्रकैद की सजा सुनाई है. हत्या की सजा से बचने के लिए आरोपी ने जेल में बैठकर साजिश रची और हत्या के गवाह मां-बेटे को दिनदहाड़े कत्ल करवा दिया. खत्म हो चुके परिवार में अकेली बची बहू की गवाही पर अदालत ने आरोपी के लिए आजीवन कारावास की सजा मुकर्रर की है. प्रधानी की चुनावी रंजिश में हुई थी नरेन्द्र सिंह की हत्या मेरठ के परतापुर थानाक्षेत्र के गांव सोहरका में 19 अक्टूबर 2016 को नरेन्द्र सिंह की हत्या उन्हीं के घर में घुसकर हुए एक हमले में कर दी गई थी. नरेन्द्र सिंह से उन्हीं के गांव का श्यौवीर उर्फ मालू ग्राम प्रधान के चुनाव को लेकर रंजिश रखता था. दरअसल, ग्राम प्रधान के चुनाव में प्रत्याशी रहे मालू उर्फ श्यौवीर के बजाय नरेन्द्र सिंह ने पास के गांव अंजौली के एक प्रत्याशी को अपना समर्थन दिया था. इस चुनाव में मालू उर्फ श्यौवीर की हार हुई थी. नरेन्द्र के कत्ल के बाद उनकी पत्नी निछत्तर कौर की तहरीर पर मालू के खिलाफ केस दर्ज हुआ और मालू को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया. निछत्तर कौर और उनका बेटा भोलू नरेन्द्र की हत्या के चश्मदीद गवाह भी थे. गवाही रोकने के लिए जेल से रची गई दोहरे कत्ल की साजिश जनवरी 2018 में नरेन्द्र सिंह हत्याकांड की सुनवाई एडीजे प्रथम के कोर्ट में जारी थी. 25 जनवरी को केस की तारीख थी और इस तारीख में निछत्तर कौर और उनके बेटे भोलू की गवाही होनी थी. इस केस में समझौते के लिए जेल में बंद आरोपी के परिजन निछत्तर और उनके बेटे पर लगातार दबाब बना रहे थे और केस में समझौता न करने पर जान से मारने की धमकियां दे रहे थे. केस में पैसा देकर समझौते का दबाब भी बनाया गया, लेकिन भोलू ने समझौते के बजाय इंसाफ की लड़ाई लड़ने का फैसला किया. भोलू की शिकायत पर धमकियों के चलते उसे पुलिस सुरक्षा भी मुहैया कराई गयी थी. लेकिन जनवरी में उसकी गवाही से पहले ही पुलिस सुरक्षा हटा दी गई. गवाही से रोकने के लिए दिनदहाड़े कत्ल किये गये मां-बेटे हमलावरों को मौका मिल गया. जेल में बंद मालू उर्फ श्यौवीर ने साजिश रची और 24 जनवरी की दोपहर सोहरका गांव में अपने घर के बाहर गाड़ी में बैठे भोलू की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई. हमलावर यहीं नही रूके, हाथों में हथियार लेकर हमलावर भोलू के घर में घुसे और वहां चारपाई पर बैठी उसकी मां निछत्तर कौर को भी गोलियों से भूनकर मार डाला. निछत्तर कौर की हत्या घर के आंगन में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हुई जिसका वीडियो बाद में देश की खबरों की सुर्खियों में भी रहा. कानूनी ताकत का इस्तेमाल करके कंचन को बनाया गवाह नरेन्द्र सिंह की हत्या का अब कोई गवाह बाकी नहीं था. ऐसे में आरोपी मालू उर्फ श्यौवीर का सजा से बचना तय था. अपर जिला शासकीय अधिवक्ता मुकेश मित्तल ने बताया कि ऐसे हालात में उन्होने सीआरपीसी की धारा 311 के तहत अदालत से नोटिस जारी करने का निवेदन किया. अदालत की ओर से जारी नोटिस के आधार पर भोलू की पत्नी कंचन को गवाह बनाया गया. सीआरपीसी की धारा 311 के तहत अदालत स्वत: संज्ञान लेकर भी किसी को गवाह बनाने या फिर अधूरी गवाही को पूरी करने के लिए नोटिस जारी कर सकती है. उम्रकैद और जुर्माने की सजा, बच्चों की परवरिश के लिए कंचन को आर्थिक मदद आरोपी कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट भी गये, लेकिन हाईकोर्ट से उन्हें कोई राहत नही मिला. कंचन की गवाही रोकने के लिए आरोपी ने केस ट्रांसफर करने के लिए भी जिला न्यायधीश को याचिका दी. मगर उसे भी खारिज कर दिया गया. कंचन की गवाही के आधार पर आज आरोपी मालू को उम्र कैद और 20 हजार रूपये के आर्थिक जुर्माने की सजा सुनाई गयी. कंचन और उसके बच्चों की परवरिश के लिए अदालत ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को शासन से अनुदान दिलाने के लिए भी आदेशित किया है.