लखनऊ: कुंभ मेले की तैयारियों को लेकर योगी सरकार किसी भी तरह की कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती. कुंभ को लोगों के दिलो-दिमाग में बसा देने के सपने के साथ मेले की तैयारियों को लेकर योगी सरकार पूरे एक्शन में नजर आ रही है. विश्व प्रसिद्ध इलाहाबाद का कुंभ मेला 4 जनवरी 2019 से 4 मार्च तक 2019 तक चलेगा. हर बार की तरह इस बार भी कुंभ मेला खास होगा.


बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 16 दिसंबर को प्रयागराज में 4500 करोड़ रुपये के विभिन्न कार्यों का लोकार्पण किया. पीएम मोदी ने कुंभ मेले के लिए एक अत्‍याधुनिक कमांड एंड कंट्रोल रूम का उद्घाटन भी किया जिसके जरिए पूरे मेला क्षेत्र पर नजर रखी जा सकेगी.


कुंभ की भव्यता को लेकर पीएम ने कहा कि अध्यात्म, आस्था और आधुनिकता की त्रिवेणी कितनी भव्य और बेजोड़ हो सकती है, इसका अनुभव लेकर लोग कुंभ से जाएंगे, इसकी कोशिश की जा रही है. उन्होंने कहा था कि केंद्र सरकार, उत्तर प्रदेश सरकार के साथ मिलकर ये सुनिश्चित करने में जुटी है कि ये आयोजन दर्शनीय, दार्शनिक और दिव्य बने. सरकार का प्रयास है कि इस बार कुंभ में तप से तकनीक तक के हर पहलू का अनुभव दुनियाभर के लोगों को मिल सके.


बता दें कि हाल ही में यूनेस्को द्वारा कुंभ को विश्व की सांस्कृतिक धरोहरों में शामिल किया गया है. इसके बाद से बाद से केंद्र और राज्य सरकार कुंभ की भव्यता पूरी दुनिया को दिखाने की पुरजोर कोशिश में लगी है. सरकार ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सभी मीडिया प्लेटफार्मों पर ‘कुंभ 2019’ की ब्रांडिंग जोर शोर से शुरू कर दी है.आज हम आप बताएंगे की कुंभ मेले को लेकर क्या क्या तैयारियां और बदलाव किए जाएंगे.


सिर्फ आठ सौ रूपये में होगा इलाहाबाद से लखनऊ तक का हवाई सफर!
संगम का शहर इलाहाबाद चार नये शहरों से हवाई मार्ग से जोड़ दिया गया है. लखनऊ, पटना, इंदौर और नागपुर से प्रयागराज के लिए हवाई सेवाएं शुरू हो चुकी है. प्रयागराज अभी तक सिर्फ दिल्ली से ही हवाई मार्ग से जुड़ा हुआ था. कुंभ मेले से पहले इलाहाबाद को देश के चौदह शहरों से रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम के तहत जोड़ने की योजना है. यह स्कीम केंद्र की मोदी सरकार की उड़ान योजना का हिस्सा है. इसके लिए 800 रुपए के किराए की बात सामने आई थी. आने वाले दिनों में पुणे, रायपुर, बंगलौर, भुवनेश्वर, भोपाल, देहरादून,मुम्बई, गोरखपुर, कोलकाता और लखनऊ से भी सेवाएं शुरू हो जाएंगी.


अर्ध कुंभ मेले में चलाई जाएंगी रोडवेज की 10 हजार बसें


इलाहाबाद में साल 2019 में लगने वाले अर्ध कुंभ मेले में रोडवेज की 10 हजार बसें अपनी सेवाएं देंगी. उनके मुताबिक़ मेले को लेकर पूर्वांचल पर ख़ास फोकस किया जाएगा क्योंकि रोडवेज की बसों से सबसे ज्यादा यात्री इसी इलाके से आने की उम्मीद है.


रेल-सड़कों के अलावा जल मार्गों से भी जुड़ गया है इलाहाबाद


कुंभ से पहले इलाहाबाद को देश के तमाम बड़े शहरों से रेल और सड़क रास्तों के साथ हवाई और जल मार्गों से भी जोड़ दिया जाएगा. इनमें से कुछ की शुरूआत भी हो चुकी है.


थिएटर्स में दिखाया जाएगा कुम्भ मेले का नया ‘लोगो’
उत्तर प्रदेश के सिनेमाघरों में जल्द ही फिल्म शुरू होने से पहले सुनाए जाने वाले राष्ट्रगान के बाद कुम्भ मेले का नया ‘लोगो’ भी अनिवार्य रूप से दिखाया जाएगा.


हेलीकाप्टर से कुंभ नगरी का दीदार कर सकेंगे पर्यटक
उत्तर प्रदेश के पर्यटन विभाग ने प्रयाग में अगले साल लगने जा रहे कुंभ मेले में पर्यटकों को हेलीकाप्टर से कुंभ नगरी का विहंगम दृश्य दिखाने की तैयारी की है और इसके लिए जल्द ही यमुना तट पर स्थित जूना अखाड़ा और पुराने यमुना सेतु के बीच स्थायी हेलीपैड बनाया जाएगा.


इलाहाबाद से वाराणसी के बीच सड़कों पर बनाया जा रहा है फ्लाईओवर
इलाहाबाद से वाराणसी के बीच सड़कों पर फ्लाईओवर बनाया जा रहा है और सड़कों को चौड़ा किया जा रहा है. कुंभ मेले में विदेशी पर्यटकों को भारत दर्शन कराने के लिए हर प्रदेश की संस्कृति के थीम गेट मेला क्षेत्र में बनाए जाएंगे.


 मेहमानों के लिए बनाई गई टेंट सिटी में हैं फाइव स्टोर होटल जैसी सुविधाएं


लोगों को ठहराने के लिए छतनाग के आसपास के क्षेत्र में एक टेंट सिटी बसाई गई है जहां करीब 4,000 कॉटेज बनाए गए हैं. जो किसी फाइव स्टोर होटल से कम नहीं. सभी प्रमुख रेलवे स्टेशनों और हवाई अड्डों पर विदेशी भाषाओं के जानकार गाइडों की तैनाती की जाएगी. मेले में इन 193 देशों से कुल मिलाकर 10 लाख विदेशी पर्यटकों के आने की संभावना है. इनके आवागमन की सुविधा के लिए इलाहाबाद से वाराणसी के बीच शताब्दी स्तर की दो ट्रेनें चलाने की योजना है जिसके लिए इस मार्ग पर ट्रैक को दुरुस्त किया जा रहा है.


2500 हेक्टेयर में बसाया गया है मेला क्षेत्र 
पहली बार कुंभ मेले का क्षेत्रफल सबसे अधिक होगा. इस बार 2500 हेक्टेयर में मेला क्षेत्र बसाया जाएगा, जिसमें 20 सेक्टर बनाए गए हैं. हर सेक्टर में 1,000 से लेकर 2,000 बेड के रैन बसेरे होंगे. पूरे मेले के दौरान शहर के सभी प्रमुख ऐतिहासिक स्मारकों जैसे कैथलिक चर्च, इलाहाबाद विश्वविद्यालय, खुसरो बाग और अंग्रेजों के जमाने में बनाए गए नैनी ब्रिज और कर्जन ब्रिज को लाइटों से जगमग किया जा रहा है.