पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से जुड़े पण्डारक हत्याकांड मामले को लेकर पटना हाई कोर्ट में 14 दिसंबर को अगली सुनवाई होगी. बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर 27 साल पहले लगे हत्या के आरोप को रद्द कराने की याचिका पर सुनवाई होनी है. हाई कोर्ट के न्यायाधीश ए अमानुल्लह इस याचिका पर सुनवाई कर रहे हैं.

गौरतलब है कि 16 नवंबर 1991 को बाढ़ लोकसभा सीट के लिए हुए उपचुनाव के दौरान एक मतदान केंद्र पर कांग्रेस कार्यकर्ता और ढिबर गांव निवासी सीताराम सिंह की हत्या कर दी गयी थी. सीताराम सिंह हत्या मामले के गवाह उनके भाई अशोक सिंह ने बाढ़ के अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में एक प्रतिवाद सह शिकायत पत्र दायर कर आरोप लगाया था कि बाढ़ संसदीय उपचुनाव के दौरान 16 नवंबर 1991 को वे सीताराम सिंह सहित अन्य लोगों के साथ मतदान करने गये थे. तभी वहां नीतीश कुमार जो कि तत्कालीन जनता दल के उम्मीदवार थे, दुलारचंद यादव सहित अन्य लोगों के साथ पहुंचे और उन्हें वोट देने से मना करने लगे.

अशोक सिंह ने अपने परिवाद पत्र में कहा था कि नीतीश कुमार के साथ उस समय के तत्कालीन मोकामा विधायक दिलीप सिंह, दुलारचंद यादव, योगेंद्र प्रसाद और बौधु यादव मौजूद थे. वे सभी बंदूक, रायफल और पिस्तौल से लैस थे. अशोक सिंह ने अपने परिवाद पत्र में आरोप लगाया था कि इन लोगों द्वारा वोट देने से मना किये जाने पर जब सीताराम ने उनकी बात नहीं मानी तो नीतीश ने उन्हें जान से मारने की नीयत से अपनी राइफल से गोली चला दी, जिससे उनकी घटनास्थल पर ही मौत हो गई.

गवाह अशोक सिंह के परिवाद पत्र पर बाढ़ के तत्कालीन अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी रंजन कुमार ने 31 अगस्‍त 2010 को गवाह के बयान पर अपराध दंड संहिता 202 के अंतर्गत नीतीश कुमार को अदालत के समक्ष गत 9 सितंबर को उपस्थित होने का निर्देश दिया था. बाद में नीतीश कुमार द्वारा इस मामले में पटना हाई कोर्ट का रुख किये जाने पर न्यायालय ने बाढ़ अनुमंडल अदालत के उक्त आदेश पर रोक लगा दी थी. इसी मामले पर 14 दिसंबर को पटना हाई कोर्ट में सुनवाई होनी है.