पटना: बिहार की राजधानी पटना पहुंचे गुजरात के पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने जमकर जाति कार्ड खेला. वे कभी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर नरम दिखे तो कभी गरम दिखे. हार्दिक पटेल ने कहा कि उनका नाम कुर्मी धानुक हार्दिक पटेल है. हार्दिक पटना में पटेल जागरूकता सम्मेलन में हिस्सा लेने आए थे. उन्होंने दावा किया कि कुर्मी, कुशवाहा और धानुक एक हो जाएं तो किसी की नहीं चलेगी.
विशेष राज्य के दर्जे के पर हार्दिक पटेल ने कही ये बात
हार्दिक पटेल ने कहा, "गुजरात मे भी हम बंटे थे. लेकिन जब एक जुट हुए तो नरेंद्र मोदी और अमित शाह की जोड़ी को दो महीने तक गुजरात मे कैंप करना पड़ गया था.'' उन्होंने कहा कि उनकी इच्छा है कि हमारी जाति मजबूत बनें. हम किसी से डरने वाले नहीं. हम आप सब मिलकर काम करेगे तो आने वाली पीढ़ी हमे याद रखेगी. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने के लिए नीतीश अगर खड़े हुए तो हम भी बिहार की 12 करोड़ की जनता के साथ आएंगे.
दिल्ली वाले नाराज हो जाएंगे इसलिए नीतीश जी ने हमको नहीं बुलाया: हार्दिक
नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि अगर वो मुझे बुलाते तो मैं उनसे मिलने जाता. लेकिन अब मैं कहूंगा कि चाचा हमसे क्यों डर गये. हम किसी से डरने वाले नहीं. हम नालंदा से चुनाव नहीं लड़ने वाले हैं. हार्दिक ने एलान किया कि अगली बार जब वो बिहार आएंगे तो एक महीने रहेंगे और 10 लाख की भीड़ जुटाकर रैली करके दिखाएंगे. उन्होंने कहा कि नीतीश जी ने हमको इसलिए नहीं बुलाया कि दिल्ली वाले नाराज हो जाएंगे.
पाटीदार नेता ने कहा कि बिहार आज भी देश मे सबसे पिछड़े राज्यों में अव्वल है. कुर्मी चेतना रैली के बाद ही लोगों ने जाना कि बिहार में कुर्मी जाति है. इस रैली मे कई नेता बने, मंत्री बनें लेकिन हम वहीं हैं.
बिहार मे कुर्मी और कोईरी मिलाकर करीब 12 प्रतिशत आबादी है. लेकिन इसका प्रतिनिधित्व राजनीति मे उतना नहीं है. हार्दिक ने आरोप लगाया कि पटेल जागरूकता सम्मेलन को रोकने की कोशिश की गई. कई जगह नाकाबंदी की गयी, गाड़ियों को रोका गया, फिर भी लोग सम्मेलन में पहुंचे.
हार्दिक ने मंच पर आते ही इंकलाब जिंदाबाद के नारे लगवाए और अपने नए राजनीतिक नाम का एलान करते हुए कहा कि मेरा पूरा नाम कुर्मी धानुक हार्दिक पटेल है. बिहार में आठ से दस फीसदी कुर्मी हैं, जो बंटे हुए हैं. गूगल के मुताबिक 80 फीसदी कृषि पर आधारित बिहार आज भी पिछड़ा है.
पहले हमारे रास्ते एक थे, लेकिन अब नीतीश कुमार ने रास्ता बदल लिया: हार्दिक पटेल
हार्दिक पटेल ने कहा, ''मीडिया में मेरे बारे में कहा जा रहा है कि मैं कांग्रेस का आदमी हूं. हम दूसरों को नेता क्यों बनाएं, सभी जाति मिलाकर हमारी संख्या 12 फीसदी है. लेकिन सत्ता में हिस्सेदारी उतनी फीसदी नहीं है. पहले आया था तो नीतीश कुमार से भी मिला था तब उनके और हमारे रास्ते एक थे, लेकिन अब उन्होंने रास्ता बदल लिया है.''
पाटीदार नेता ने कहा कि गुजरात में हमारी संख्या दो करोड़ है और बिहार में इस समाज के सवा करोड़ लोग छिप छिपकर कहते हैं कि नीतीश कुमार मेरे मुख्यमंत्री हैं. लेकिन आम की टोकरी में एक आम खराब हो जाए तो उसे निकाल देना चाहिए. मैं किसी समाज का विरोधी नही है, लेकिन बिहार में कुर्मी, कुशवाहा और धानुक एक हो जाएं तो कोई नहीं टिक सकेगा. गुजरात मे एक हुए तो धूल चटा दी थी.
हमने गोरों से आज़ादी ली लेकिन चोरों में फंस गए: हार्दिक
बिहार की शिक्षा व्यवस्था का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि ये चौपट हो गई है. उन्होंने आगे कहा, ''हमने गोरों से आज़ादी ली लेकिन चोरों में फंस गए. मैं गांधी को मानता हूं, सरदार वल्लभ भाई पटेल को भी मानता हूं. लेकिन कोई अंग्रेज बनने की कोशिश करेगा तो हम भगत सिंह भी बनेंगे. अगर दिल्ली पहुंचना है तो बिहार के रास्ते जाना होगा. तभी तो मैं भी नरेंद्र मोदी की तरह कह सकूंगा कि बिहार से मेरा पुराना रिश्ता है.''