लखनऊ: समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बीजेपी सरकार पर एक बार फिर तीखा हमला बोला है. उन्होंने कहा कि सरकार जो कम एनआरसी से नहीं कर पाई, वह अब एनपीआर से करने जा रही है. अखिलेश ने सवाल उठाया कि जातीय जनगणना कराने में सरकार को दिक्कत क्यों है? एनपीआर में कई ऐसे बिंदु लाए गए हैं, जिनके कागज मिलेंगे ही नहीं. ये जो काम एनआरसी से नहीं कर पाए, वो एनपीआर से कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि प्रदर्शनों के दौरान लोगों की जान जाने का कारण मुख्यमंत्री की भाषा है. मुख्यमंत्री के 'ठोको' बोलने का यह परिणाम है. कई वीडियो आए हैं, जिसमें पुलिस ने नुकसान किया है. भाजपा सरकार अपने मुद्दे पर विफल है, तभी ऐसा कर रही है.
अखिलेश ने इसे लेकर एक ट्वीट भी किया है, जिसमें उन्होंने लिखा, "हिंदू-मुस्लिम एकता से यह सरकार डरी हुई है. जनता पर अपराधी होने का आरोप लगा रही है. गरीब लोगों की संपत्ति जब्त करना चाह रही है. लोगों के पहनावे पर टिप्पणी कर रही है. नागरिकों से बदला लेने की धमकी दे रही है, लेकिन सरकार यह बताए कि पुलिस की बर्बरता की जांच कब होगी?"
इससे पहले अखिलेश ने एनपीआर को लेकर केंद्र सरकार की ओर से आवंटित धनराशि को लेकर समाजवादी पार्टी (एसपी) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने केंद्र सरकार पर करारा हमला बोला है. उन्होंने कहा है कि इस कदम से सरकार के मंसूबों का भंडाफोड़ हो गया है. इस दौरान अखिलेश यादव ने कहा कि ये भाजपाई और कितना झूठ बोलकर लोगों को गुमराह करेंगे.
अखिलेश ने ट्वीट कर कहा था, "जब सरकार ने खुद ही राज्यसभा में कहा है कि NPR ही NRC का आधार होगा तो ये भाजपाई और कितना झूठ बोलकर लोगों को गुमराह करेंगे. इनके 'छिपे उद्देश्यों' का अब भंडाफोड़ हो चुका है."
बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में राष्ट्रीय जनसंख्या पंजीकरण को अपडेट करने के लिए 8500 करोड़ रुपये की राशि मंजूर की गई है.
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