नई दिल्ली: वरिष्ठ समाजवादी नेता शरद यादव ने जाति आधारित जनगणना की वकालत करते हुए कहा है कि 2021 में जनगणना में सभी जातियों की गणना की जानी चाहिए. जनगणना में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) की अलग गणना किए जाने के सरकार के फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उन्होंने शनिवार को कहा कि वह इस फैसले से सहमत नहीं है.
शरद यादव ने कहा कि जनगणना में हर जाति को शामिल किया जाना चाहिए जिससे प्रत्येक समुदाय की वास्तविक संख्या का पता चल सके. उन्होंने कहा कि इससे सरकार को अपनी योजनाओं और नीतियों की रूपरेखा तय करने में मदद मिलेगी. साथ ही कुछ जातियों की बढ़ती आबादी के दावों की हकीकत का भी पता चल सकेगा.
वरिष्ठ नेता ने कहा कि जनगणना की मौजूदा व्यवस्था में शामिल अनुसूचित जाति और जनजातियों की आबादी में हिस्सेदारी के आंकड़ों पर संदेह व्यक्त करते हुये दावा किया कि इन समुदायों की वास्तविक संख्या जनगणना के आंकड़ों से कहीं अधिक है.
सेटेलाइट के जरिए घरों की जानकारी इकट्टा करने पर विचार बता दें कि इस बार तीन साल के अंदर जनगणना का काम पूरा होगा. इससे पहले इस काम में करीब सात से आठ साल लगते थे. इतना ही नहीं इस बार सेटेलाइट के जरिए घरों की जानकारी भी इकट्टा करने पर विचार चल रहा है. इस काम में लगभग 25 लाख कर्मचारी लगाए जाएंगे.