- ऑक्सीजन सप्लाई कंपनी पुष्पा सेल्स ने लिक्विड ऑक्सीजन की आपूर्ति बाधित की, जिसके लिए वो जिम्मेदार है.
- लिक्विड ऑक्सीजन की सप्लाई लगातार होती रहे, इसके प्रभारी डॉक्टर सतीश हैं, जो अपना कर्तव्य ना निभाने के पहली नजर में दोषी हैं.
- ऑक्सीजन सिलेंडर का स्टॉक संभालने की जिम्मेदारी भी डॉक्टर सतीश पर हैं, जिन्होंने लॉग बुक में एंट्री ठीक समय से नहीं की. ना ही प्रिंसिपल ने इसे गंभीरता से लिया.
- प्रिंसिपल डॉक्टर राजीव मिश्रा को पहले ही कंपनी ने ऑक्सीजन सप्लाई रोकने की जानकारी दी थी, लेकिन दस तारीख को वो मेडिकल कॉलेज से बाहर थे.
- प्रिंसिपल के बाहर रहने पर सीएमएस, कार्यवाहक प्राचार्य, बाल रोग विभाग के प्रमुख डॉ कफील खान के बीच समन्वय की कमी थी.
- लिक्विड ऑक्सीजन कंपनी के भुगतान के बारे में आगाह करने के बावजूद और 5 अगस्त को बजट मिल जाने के बाद भी प्रिंसिपल को जानकारी ना देने के लिए लेखा अनुभाग के कर्मचारी दोषी हैं.
गोरखपुर ट्रेजडी: बीते 48 घंटे में और 35 बच्चों की मौत, DM की जांच में खुलासा
एबीपी न्यूज़ | 17 Aug 2017 07:05 AM (IST)
बीजेपी ने स्वच्छ उत्तर प्रदेश, स्वस्थ उत्तर प्रदेश का नारा दिया है और गोरखपुर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ झाड़ू लगाकर शुरुआत करने जा रहे हैं. मुख्यमंत्री को लगता है कि सिर्फ झाड़ू लगाने से इंसेफ्लाइटिस और पूरे स्वास्थ्य महकमे में मौत बांटने वाली लापरवाही को साफ किया जा सकता है.
(फाइल फोटो)
गोरखपुर: गोरखपुर में पिछले दो दिनों में 35 और बच्चों की मौत हो चुकी है. मेडिकल कॉलेज में 10 से 12 अगस्त के बीच 48 घंटे में 36 बच्चों की मौत पर डीएम की जांच रिपोर्ट सामने आ गई है. यूपी के सीएम से लेकर स्वास्थ्य मंत्री तक ये कह चुके हैं कि बच्चों की मौत ऑक्सीजन की सप्लाई रुकने से नहीं हुई है, लेकिन डीएम की रिपोर्ट इन दावों पर गंभीर सवाल उठा रही है. गोरखपुर के मेडिकल कॉलेज में 36 बच्चों की मौत पर डीएम की बनाई कमेटी की जांच रिपोर्ट में कई खुलासे हुए हैं.