गोरखपुर: शहर के मशहूर मनोचिकित्सक को रेप के फर्जी आरोप में फंसा कर जेल भेजने की धमकी देने वाले दरोगा और कथित पत्रकार को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. आरोपियों ने डॉक्टर को ब्लैकमेल कर 8 लाख रुपए भी वसूल लिए थे. सीएम योगी की फटकार के बाद जांच में वसूली की बात साबित होने के बाद यह बड़ी कार्रवाई की गई.

गोरखपुर के मशहूर मनोचिकित्सक डॉक्टर रामशरण दास को राजघाट थाने की ट्रांसपोर्ट नगर चौकी पर तैनात चौकी इंचार्ज दरोगा शिव प्रकाश सिंह एक युवती से रेप किया शिकायत पर बुलाया था. आरोप है कि चौकी इंचार्ज ने कई बार डॉक्टर के घर जाकर भी उन्हें धमकाया. कथित पत्रकार के साथ मिलकर दरोगा ने डॉक्टर को रेप के मुकदमे में फंसा कर जेल भेजने की धमकी दी और 8 लाख रुपए वसूल लिए.

मनोचिकित्सक डॉक्टर रामशरण दास ने जब इसकी शिकायत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से की, तो उन्होंने पुलिस के आलाअधिकारियों को जमकर फटकार लगाई और ट्रांसपोर्ट नगर चौकी इंचार्ज के साथ कथित पत्रकार के खिलाफ मामला दर्ज करने का आदेश दिया.

आईजी ने इस मामले की जांच एएसपी रोहन प्रमोद बोत्रे से कराई. जिसमें चौकी इंचार्ज के ब्लैकमेलिंग की पुष्टि हो गई. मंगलवार की देर रात चौकी इंचार्ज शिव प्रकाश सिंह और उसके साथी कथित पत्रकार प्रणव त्रिपाठी को गिरफ्तार कर लिया गया. महिला ज्योति सिंह के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है. हालांकि इसकी गिरफ्तारी नहीं हो पाई है.

कैंट इलाके के पार्क रोड पर रहने वाले मनोचिकित्सक डॉक्टर रामशरण दास के पास राजघाट थाने की चौकी ट्रांसपोर्टनगर पर तैनात चौकी इंचार्ज शिव प्रकाश सिंह ने 16 मई को फोन कर शिकायती पत्र मिलने की बात कही थी. उसने डॉक्टर से तत्काल चौकी पहुंचने को कहा था.

जब डॉक्टर रामशरण दास वहां पहुंचे, तो उन्हें चौकी इंचार्ज ने शिकायती पत्र दिखाया, जो किसी ज्योति सिंह के नाम से लिखा गया था. इसमें शिकायत थी कि उनके पास वह इलाज कराने गई थी. डॉक्टर ने उसे क्लीनिक से अमरुतानी (अमरूद के बाग) में ले जाकर रेप किया. चीखने पर हत्या की धमकी दी. चौकी इंचार्ज उनसे कहा कि यह पत्र स्पीड पोस्ट से मिला है.

चौकी इंचार्ज ने कहा कि महिला अपराध का संगीन मामला है. इसमें आप को जेल भेज दूंगा. उसके बाद वे घबरा कर घर लौट गए. दो दिनों में दो बार चौकी इंचार्ज और खुद को पत्रकार बताने वाला उसका साथी प्रणव उनके घर पहुंचा. केस रफा-दफा करने के लिए 8 लाख रुपए की मांग करने लगा. डॉ दास ने चौकी इंचार्ज को 8 लाख रुपए दे दिए.

दूसरे दिन उन्होंने आईएमए के पदाधिकारियों से इसकी चर्चा की. बात मुख्यमंत्री तक पहुंची. सीएम की सख्ती के बाद आईजी ने मामले की जांच कराई. जिसमें चौकी इंचार्ज द्वारा ब्लैक मेलिंग की पुष्टि हुई. इसमें सीसीटीवी से भी काफी मदद मिली. पुलिस में ने दोनों आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 388, 389, 120 बी, 506, 419, 420, 468, 471 के तहत मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस ज्योति सिंह नाम की महिला की तलाश कर रही है.