लखनऊ: बीएसएफ के जिस जवान को यूपी पुलिस की एटीएस ने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए काम करने के आरोप में गिरफ्तार किया है वो दरअसल हनीट्रैप का शिकार हुआ था. फेसबुक पर लड़कियों से दोस्ती करने की लत ने उसे सलाखों के पीछे पहुंचा दिया. एबीपी न्यूज को मिली एक्सक्लुसिव जानकारी के मुताबिक, जिस 'काजल शर्मा' नाम के फर्जी फेसबुक एकाउंट से बीएसएफ जवान अच्युतानंद मिश्रा को ट्रैप किया गया है वो उन एक हजार (1000) संदिग्ध एकाउंट्स में से ही था जो भारत की इंटेलीजेंस एजेंसियों के रडार पर हैं. इस एकाउंट की सर्विलांस के जरिए है यूपी पुलिस और बीएसएफ आरोपी जवान अच्युतानंद मिश्रा तक जा पहुंची.

एक दिव्यांग अधिकारी के केयरटेकर के तौर पर तैनात था बीएसएफ जवान

जानकारी के मुताबिक, बीएसएफ कांस्टेबल अच्य़ुतानंद मिश्रा इनदिनों नोएडा में बीएसएफ के ही एक दिव्यांग अधिकारी के केयरटेकर के तौर पर तैनात था. वो वर्ष 2006 में बीएसएफ में भर्ती हुआ था. मध्य प्रदेश के रीवा का रहने वाला अच्युतानंद शादीशुदा है और उसके दो बच्चे भी हैं. लेकिन सोशल मीडिया पर लड़कियों से वो दोस्ती करता रहता था. उसकी कम के कम एक दर्जन गर्लफ्रेंड थी. लेकिन लड़कियों से दोस्ती ने ही उसे पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के जाल में फंसा दिया और वो देश की सुरक्षा से जुड़ी संवदेनशील जानकारियां पाकिस्तान पहुंचाने लगा.

2016 में आईएसआई के जाल में फंसा अच्य़ुतानंद

यूपी एटीएस के मुताबिक, अच्य़ुतानंद आईएसआई के जाल में वर्ष 2016 में फंसा जब उसने एक फर्जी फेसबुक एकाउंट काजल शर्मा से दोस्ती की. काजल ने अपने आप को एक डिफेंस रिपोर्टर के तौर पर अपनी पहचान बताई. लेकिन वो असल में आईएसआई का एक एजेंट था, जिसके फेसबुक एकाउंट का आईपी सर्वर मिश्र (ईजिप्ट) में रजिस्ट्रेड था.

बीएसएफ की यूनिफार्म और हाथ में राइफल लेकर काजल को भेजी थी अपनी तस्वीर

बीएसएफ के बड़े अधिकारी ने एबीपी न्यूज को बताया कि शुरूआत में तो अच्य़ुतानंद और काजल के बीच फेसबुक पर गुलाब के फूलों का आदान प्रदान होता था. लेकिन धीरे धीरे काजल ने अच्य़ुतानंद से अपनी दोस्ती गहरी की और उसे पहले तो ये तस्दीक कराया कि वो वाकई बीएसएफ में काम करता है. इसके लिए अच्य़ुतानंद ने बीएसएफ की यूनिफार्म और हाथ में राइफल लेकर अपनी तस्वीर उससे साझा की.

जवान के फोन  'पाकिस्तानी दोस्त' के नाम से फीड था काजल का नंबर

जानकारी के मुताबिक, इसके बाद दोनों के बीच में वाट्सएप पर भी संपर्क होने लगा. उसने अपने फोन में काजल का नाम 'पाकिस्तानी दोस्त' के नाम से फीड कर रखा था. इसके बाद अच्य़ुतानंद ने बीएसएफ की गोपनीय सूचनाएं, यूनिट की लोकेशन, गोला-बारूद की जानकारी और बीएसएफ के ठिकानों की तस्वीरें और वीडियो को काजल के वाट्सएप नंबर पर भेजना शुरु कर दिया.

पाकिस्तानी नंबर से आई कॉल ने खड़े कर दिए एटीएस के कान

लेकिन जब एक दिन उसने काजल के पाकिस्तानी नंबर (+92.....) पर वाट्सएप कॉल की तो वो खुफिया एजेंसियों के रडार पर आ गया. क्योंकि ये नंबर पाकिस्तान का था. मिलिट्री इंटेलीजेंस ने इसकी जानकारी तुरंत बीएसएफ और यूपी पुलिस की एंटी टेरेर स्कॉवयड (एटीएस) से शेयर की. इसके बाद बीएसएफ और एटीएस ने अच्य़ुतानंद की गतिविधियों पर नजर रखना शुरु कर दिया,

पुख्ता सबूत हाथ लगने के बाद मंगलवार को उसे नोएडा से यूपी पुलिस की एटीएस ने उसे गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तारी के वक्त उसके पास से गांजा और भांग भी बरामद हुई थी.

ऑफिसियल सीक्रेट एक्ट की धारा 3,4,5,9 और आईटी एक्ट की 66डी के तहत हुई है जवान की गिरफ्तारी

एटीएस की काउंटर एस्पिओनाज (COUNTER ESPIONAGE) विंग ने अच्य़ुतानंद को ऑफिसियल सीक्रेट एक्ट की धारा 3,4,5,9 और आईटी एक्ट की 66डी के अलावा आईपीसी की धारा 121ए के तहत गिरफ्तार किया है.

एटीएस को  मोबाइल और फेसबुक से मिले सारे सबूत

जांच पड़ताल में अच्य़ुतानंद के मोबाइल और फेसबुक से सारे सबूत मिल गए हैं. उसने जो फोटो और वीडियो काजल को भेजे थे उसका भी एक्सट्रक्शन मिल गया है. पाकिस्तान नंबर से चैटिंग के दौरान पता चला कि काजल उसे अपना धर्म परिवर्तन कर इस्लाम कबूल करने और कश्मीर में भारत-विरोधी बातें कह कर प्रभावित कर रही थी.

जवान के बैंक अकाउंट्स भी खंगालेगी एटीएस

अब यूपी एटीएस इस बात का पता करने में जुटी है कि उसके इस नेटवर्क में कोई और साथी शामिल तो नहीं था. क्या इस तरह की गोपनीय जानकारी देने के एवज में उसे कोई पैसा तो आईएसआई नहीं दे रही थी. उसके अकाउंट्स की भी जांच की जायेगी.

काजल शर्मा के नाम फर्जी फेसबुक अकाउंट ISI चलाती है

आपको बता दें कि काजल शर्मा के नाम से एक फर्जी फेसबुक अकाउंट है जो पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई चलाती है. काजल की तरह करीब 1000 इस तरह के संदिग्ध एकाउंट्स हैं जो एमआई यानि मिलिट्री इंटेलीजेंस और भारत की दूसरी खुफिया एजेंसियों के रडार में हैं. पिछले एक साल में भारत में इस तरह के कम से कम 500 एकाउंट्स को क्लोज भी कराया गया है.

इसके साथ-साथ समय समय पर जवानों को सोशल मीडिया के इस्तेमाल के दौरान सावधानियां और हनीट्रैप से बचने के तरीके भी बताए जाते हैं.