वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी की रोहनिया विधानसभा सीट पर चुनाव प्रचार करने पहुंची स्मृति ईरानी की जनसभा का वक़्त सुबह 11.30 का था और इस वजह से सुबह 11 बजे से ही लोग जनसभा के लिए पहुंच गए थे. स्मृति का काफिला दोपहर करीब 2 बजे सभा स्थल पर पहुंचा और जैसे ही उनका काफिला पहुंचा कई और लोग भी जनसभा के लिए पहुँच गए.
डिंपल के बयान के ज़रिये अखिलेश सरकार पर निशाना
सभा को संबोधित करते हुए स्मृति ईरानी ने अखिलेश सरकार के काम काज और काम बोलता है कि नारे के ऊपर भी सवाल खड़े किये. लेकिन इन बीच डिंपल के बयान के ज़रिये ही अखिलेश सरकार पर निशाना साध दिया. स्मृति ने एबीपी न्यूज़ के कार्यक्रम जनमन में दिखाई गयी उस स्टोरी का ज़िक्र भी किया जिसमें डिंपल समाजवादी पार्टी कार्यकर्ताओं के रवैये से नाराज़ होकर अखिलेश भैया से शिकायत करने की बात भी करती दिखीं थी.
स्मृति ने कहा कि जब सीएम की पत्नी सपा के लोगों से इस कदर परेशान हो जाती हैं तो एक आम महिला को तो पता नहीं कितना कुछ सहन करना पड़ता होगा. स्मृति ने अपने भाषण में डिंपल के बयान को आधार बनाकर ये बताने की कोशिश की कि अखिलेश सरकार में महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं.
मुद्दे को महिला सुरक्षा और अस्मिता से जोड़ा स्मृति ईरानी ने इसके साथ ही गायत्री प्रजापति के लिए चुनाव प्रचार करने को लेकर भी अखिलेश को घेरा, और एक बार फिर इस मुद्दे को भी महिला सुरक्षा और अस्मिता से जोड़ दिया. इसके बाद स्मृति ने अखिलेश के बयान पर भी सवाल खड़े किये जिसमे अखिलेश ने प्रधानमन्त्री के बयान पर हमला करते हुए गंगा मैया की कसम खाकर बताने को कहा था कि उनके संसदीय क्षेत्र को पूरी बिजली मिलती गई या नहीं. स्मृति ने जनता से कहा कि आपने भी गंगा मैया की कसम खाकर बताना की क्या अखिलेश सरकार में आपको पूरी बिजली मिलती है!! 20 से 25 मिनट तक चली जनसभा के बाद एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए स्मृति ईरानी ने अखिलेश यादव के उस बयान पर भी जवाब दिया जिसमें अखिलेश ने कांग्रेस से गठबंधन की वजह या मजबूरी बतायी थी. स्मृति ने कहा की ये दिखाता है कि समाजवादी पार्टी से लोगों का भरोसा उठ गया था इस वजह से उन्होंने ऐसे का सहारा लिया जो खुद ही डूबा हुआ था.
छोटी सी जनसभा का बड़ा राजनैतिक मक़सद
रोहनिया विधानसभा सीट के इस गाँव की आबादी 1700 के आस पास है लेकिन फिर भी स्मृति यहाँ आईं क्योंकि आस पास पटेल मतदाताओं की संख्या 50% से भी ज़्यादा है और इस वजह से इस छोटी सी जनसभा का बड़ा राजनैतिक मक़सद कहा जाएगा.