लखनऊ: उन्नाव जेल में तमंचा लहराते हुए अपराधी का वीडियो वायरल होने के मामले में 4 जेल कर्मियों का ट्रांसफर कर दिया गया है. इस पर डीजी जेल आनंद कुमार ने कहा कि कैदियों ने मिट्टी और कार्डबोर्ड की मदद से बंदूकें बनाई थीं. उन्होंने कहा कि जो खाना वीडियो में दिख रहा है वो भी जेल का ही है. साथ ही शराब की बात को भी उन्होंने सिरे से नकार दिया.


आपको बता दें कि उन्नाव जेल का एक वीडियो वायरल हुआ है जिसमें दो शातिर अपराधी जेल में खुलेआम असलहा लहराते दिख रहे हैं. वीडियो में देखा जा सकता है कि जेल में लजीज खाने के साथ शराब की व्यवस्था भी है. वायरल वीडियो में अपराधी खुलेआम प्रदेश सरकार को चुनौती देते हुए यह कहते नजर आ रहे हैं कि मेरठ जेल हो या फिर उन्नाव, वे प्रदेश की किसी भी जेल को कार्यालय बना देंगे.


4 जेलकर्मियों पर कार्रवाई


उनमें से एक कैदी कह रहा है जो बोलेगा मार दिया जाएगा. वे अपने पास तमंचों के साथ ही मोबाइल को भी दिखाते नजर आ रहे हैं. वीडियो में बदमाश गौरव के पास असलहा है और वह वीडियो में धमकी देता नजर आ रहा है कि वह कहीं भी किसी को मार सकता है. वीडियो के मामले में हेड जेल वार्डन समेत चार कारागार कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की गयी है.


ये हैं अपराधी


जेल में बंद अपराधी अमरेश को 31 मार्च 2017 में मेरठ जेल से उन्नाव भेजा गया था. आईपीसी 302 के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है. अपराधी अमरेश पर इसके साथ ही 386, 120 बी के कई मामले दर्ज हैं.


वहीं दूसरा अपराधी देवेंद्र प्रताप गौरव को 11 फ़रवरी 2017 को लखनऊ से उन्नाव ट्रांसफर किया गया था. गौरव पर भी आईपीसी 302 (हत्या) के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है। इस भी कई और संगीन धाराओं के मुकदमा में अपराधी है.


ये बोले डीजी जेल


अपर पुलिस महानिदेशक (कारागार) आनन्द कुमार ने इसे गम्भीर विषय बताते हुए कहा कि मामले की जांच में पता चला है कि जेल में कुछ कर्मचारियों की मदद से जेल प्रशासन पर दबाव बनाने के लिये यह घटना अंजाम दी गयी है. उन्होंने बताया कि इस मामले में जेल के हेड वार्डर माता प्रसाद, हेमराज, जेल वार्डर अवधेश साहू और सलीम खां की मिलीभगत पायी गयी है और उनके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जा रही है. कुमार ने बताया कि वायरल हुआ वीडियो फरवरी माह का वीडियो है. इसमें दिख रहे बंदी अमरीश को मेरठ से जबकि गौरव को लखनऊ से उन्नाव जेल लाया गया था.