एक्सप्लोरर

जम्मू-कश्मीर: गुज्जर और बकरवाल संगठनों ने की सीजनल माइग्रेशन ना करने की अपील, सरकार के निर्देशों को मानने की दी सलाह

आम तौर पर गुज्जर और बकरवाल अपने जानवरों के साथ साल में दो बार - पलायन करते हैं. सर्दियां शुरू होने से पहले मैदानी इलाकों की तरफ नवम्बर के महीने में और गर्मियां शुरू होने से पहले अप्रैल के महीने में पहाड़ों का रुख करते हैं.

श्रीनगर: कोरोना लॉकडाउन का असर आम लोगों की ज़िन्दगी को पहले से ही प्रभीवित कर चुका है लेकिन अब आने वाले दिनों में इसका असर कई परंपरागत कामों को भी अपनी चपेट में ले रहा है. गर्मियां शुरू होने से पहले लाखों की संख्या में गुज्जर और बकरवाल समुदाय के लोग पहाड़ो में भेड़- बकरियां चराने जाते हैं लेकिन इस साल शायद ऐसा नहीं हो सकेगा. क्योंकि अभी तक सरकार ने यह फैसला नहीं लिया है कि इन लोगों को जम्मू से कश्मीर और लदाख जाने कि अनुमति होगी या नहीं.

विभिन गुज्जर और बकरवाल संगठनों ने जम्मू-कश्मीर के गुज्जर और बकरवाल समुदाय को इस साल सीजनल माइग्रेशन (मौसमी प्रवास) ना करने को कहा है और सरकार की तरफ से जारी दिशा निर्देशों का पालन करने की सलाह दी है. इन संगठनों ने और जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल गिरीश चंद्र मुर्मु को चिट्टी लिख कर सभी लोगों से बात चीत कर इस मामले पर कोई ठोस कदम उठाने का भी आग्रह किया है.

चिठ्ठी में सरकार से कहा गया है कि जम्मू के मैदानी इलाको में गर्मी बढ़ने के साथ ही गुज्जर,बकरवाल , गड्डी और सिपी जनजातियों के लोग अपने पेशों के साथ हिमालय के उपरी इलाकों में जाने की तयारी में है - और यह लोग जम्मू से कश्मीर घाटी के विभिन जिलों से होते हुए लद्दाख के द्रास और कारगिल तक भी जाएंगे जहां वह अगेल पांच महीने गुज़ारेंगे. लॉकडाउन और कोरोना के खतरे को देखते हुए प्रशासन जल्द ही कोई ठोस कदम उठाये.

इस सीजनल पलायन के लिए जामिया गली, गोरा बट्टा, नननसार, रोपड़ी दनहाल पास, बनहाल पास और मुगल रोड का इस्तेमाल होता है और यह सारे इलाके बंद होने के चलते एक बड़ी समस्या का खतरा है. और अगर सरकार ने जल्दी कोई फैसला नहीं लिया तो आने वाले एक-दो दिनों में बड़ी संख्या में यह गुज्जर और बकरवाल जम्मू कश्मीर की सड़कों पर होंगे जिससे कोरना से लड़ी जाने वाली जंग भी खतरे में पड़ सकती है.

जम्मू कश्मीर में ट्राइबल मामलो के झनकार और गुजज्र पहाड़ी नेता डॉ जावेद राही के अनुसार ऐसे माहोल में जब कि पूरे देश में लोगो पर किसी भी तरह के आने जाने पर प्रतिबंद लगा हुवा है और कोरोना का खतरा इसी समय चरम पर है - ऐसे में अगर समुदाय से जुड़े लोग अपने माल मवेशियों के साथ लम्बी यात्रा पर जाते है तो संक्रमण का बहुत जायदा खतरा है.

डॉ राही के अनुसार ऐसे में गुजार और बकरवाल समुदाय को सरकार की तरफ से हरी झंडी मिलने तक कम से कम अपनी वार्षिक यात्रा को रोक देना चाहिए.

पारंपरिक तोर पर पर गुज्जर और बकरवाल समुधाय अप्रैल महीने कि शुरुवात में ही अपनी यात्रा शुरू कर देते है और अगेल 40-45 दिनों में पैदल चल कर पहाड़ो में अपने अपने निर्दारित सिथानो पर पहुँच जाते है. आम तो पर यह सीथल उप्परी पहाड़ी ईलाको में होते है.

लेकिन अगर सरकार यात्रा को रोकने का फैसला लेती है तो ईन समुदाय को बारी नुक्रेसान की आशंका है. मैदानी ईलाको में गर्मी के चलते ईन के जानवरों को खाने पीने की कमी होगी जिस से लाखो की संख्या में मवेशी बूख पियास से मर जाए गे. ईसी लिए सरकार को जल्द ही कोई फैसला लेना पड़ेगा.

BJP के स्थापना दिवस पर PM मोदी ने बढ़ाया कार्यकर्ताओं का उत्साह और किए ये पांच आग्रह रिपोर्टर डायरी:  ये ऐसे दिन हैं जिनकी कल्पना कुछ दिनों पहले तक लोग काल्पनिक निबंध लिखने तक में नहीं कर सकते थे
और पढ़ें
Sponsored Links by Taboola

टॉप हेडलाइंस

'असली वजह क्या थी, अभी बता पाना मुश्किल', DGCA के कारण बताओ नोटिस का इंडिगो ने भेजा जवाब
'असली वजह क्या थी, अभी बता पाना मुश्किल', DGCA के कारण बताओ नोटिस का इंडिगो ने भेजा जवाब
बिहार में बड़े स्तर पर IAS अफसरों के तबादले, कई जिलों के DM भी बदले
बिहार में बड़े स्तर पर IAS अफसरों के तबादले, कई जिलों के DM भी बदले
'...एक बार और फिर हमेशा के लिए इसे बंद कर दें', नेहरू की गलतियों पर प्रियंका गांधी ने PM मोदी को दी ये सलाह
'...एक बार और फिर हमेशा के लिए इसे बंद कर दें', नेहरू की गलतियों पर प्रियंका गांधी ने PM मोदी को दी ये सलाह
IND vs SA 1st T20: इतिहास रचने से 1 विकेट दूर जसप्रीत बुमराह, बन जाएंगे ऐसा करने वाले पहले भारतीय गेंदबाज
इतिहास रचने से 1 विकेट दूर जसप्रीत बुमराह, बन जाएंगे ऐसा करने वाले पहले भारतीय गेंदबाज

वीडियोज

20 लाख का 'मुर्दा दोस्त' ! मौत का Fixed Deposit | Sansani | Crime
Bengal Babri Masjid Row: काउंटिंग के लिए लगानी पड़ी मशीन, नींव रखने के बाद कहा से आया पैसा?
Vande Matram Controversy: विवादों में किसने घसीटा? 150 साल बाद गरमाया वंदे मातरम का मुद्दा...
Indian Rupee Hits Record Low: गिरते रुपये पर चर्चा से भाग रही सरकार? देखिए सबसे सटीक विश्लेषण
Indigo Crisis:'अच्छे से बात भी नहीं करते' 6वें दिन भी इंडिगो संकट बरकरार | DGCA | Civil Aviation

फोटो गैलरी

Petrol Price Today
₹ 94.72 / litre
New Delhi
Diesel Price Today
₹ 87.62 / litre
New Delhi

Source: IOCL

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
'असली वजह क्या थी, अभी बता पाना मुश्किल', DGCA के कारण बताओ नोटिस का इंडिगो ने भेजा जवाब
'असली वजह क्या थी, अभी बता पाना मुश्किल', DGCA के कारण बताओ नोटिस का इंडिगो ने भेजा जवाब
बिहार में बड़े स्तर पर IAS अफसरों के तबादले, कई जिलों के DM भी बदले
बिहार में बड़े स्तर पर IAS अफसरों के तबादले, कई जिलों के DM भी बदले
'...एक बार और फिर हमेशा के लिए इसे बंद कर दें', नेहरू की गलतियों पर प्रियंका गांधी ने PM मोदी को दी ये सलाह
'...एक बार और फिर हमेशा के लिए इसे बंद कर दें', नेहरू की गलतियों पर प्रियंका गांधी ने PM मोदी को दी ये सलाह
IND vs SA 1st T20: इतिहास रचने से 1 विकेट दूर जसप्रीत बुमराह, बन जाएंगे ऐसा करने वाले पहले भारतीय गेंदबाज
इतिहास रचने से 1 विकेट दूर जसप्रीत बुमराह, बन जाएंगे ऐसा करने वाले पहले भारतीय गेंदबाज
Hollywood OTT Releases: इस हफ्ते OTT पर हॉलीवुड का राज, 'सुपरमैन' समेत रिलीज होंगी ये मोस्ट अवेटेड फिल्में-सीरीज
इस हफ्ते OTT पर हॉलीवुड का राज, 'सुपरमैन' समेत रिलीज होंगी ये फिल्में-सीरीज
UAN नंबर भूल गए हैं तो ऐसे कर सकते हैं रिकवर, PF अकाउंट वाले जान लें जरूरी बात
UAN नंबर भूल गए हैं तो ऐसे कर सकते हैं रिकवर, PF अकाउंट वाले जान लें जरूरी बात
Benefits of Boredom: कभी-कभी बोर होना क्यों जरूरी, जानें एक्सपर्ट इसे क्यों कहते हैं ब्रेन का फ्रेश स्टार्ट?
कभी-कभी बोर होना क्यों जरूरी, जानें एक्सपर्ट इसे क्यों कहते हैं ब्रेन का फ्रेश स्टार्ट?
Video: भीड़ में खुद पर पेट्रोल छिड़क प्रदर्शन कर रहे थे नेता जी, कार्यकर्ता ने माचिस जला लगा दी आग- वीडियो वायरल
भीड़ में खुद पर पेट्रोल छिड़क प्रदर्शन कर रहे थे नेता जी, कार्यकर्ता ने माचिस जला लगा दी आग- वीडियो वायरल
Embed widget