पटना: बिहार में इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं. वहीं एनआरसी को लेकर मुख्यमंत्री ने बयान दिया है. उन्होंने कहा कि एनआरसी को असम में लागू करने की बात की गई थी. सीएए और एनआरसी को लेकर विधानसभा में भी जमकर प्रदर्शन किया गया. आरजेडी ने जेडीयू और बीजेपी पर जमकर निशाना साधा.

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा, ''एनआरसी का कोई सवाल पैदा नहीं होता है. ये कहां से आया. मेरी समझ से पीएम ने भी इस पर स्पष्ट कर दिया है. जहां तक एनपीआर की बात है हमउसी में व्यस्त हैं. जातिगत जनगणना होनी चाहिए. एकबार 1930 में ऐसा हुआ. इसका एक बार और होना जरूरी है. सदन की अगली बैठक में इस विषय पर चर्चा होगी. अभी जनगणना में 3 से 4 महीने का समय है.''उन्होंने कहा कि जन जीवन हरियाली यात्रा में पता चला है कि नदी और तालाब के किनारे बसे गरीब लोगों को कहीं अन्य जगह बसाया जाए. इसके लिए सर्वेक्षण किया जाएगा.

वहीं सीएए और एनआरसी को लेकर विधानसभा के एकदिवसीय सत्र में विपक्ष का विरोध प्रदर्शन भी जारी रहा. विधानसभा के कार्यवाही शुरू होने से पहले ही विपक्ष के विधायकों ने विधानसभा परिसर में ही इसका विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया. आरजेडी के नेता भाई वीरेन्द्र ने कहा, " एनआरसी और सीएए को लेकर पूरे देश में आग लगी हुई है. एनडीए के लोग देश के संविधान को समाप्त करना चाहते हैं. ये लोग अपना और आरएसएस का संविधान लागू करना चाहते हैं. हम सीएए और एनआरसी देश में लागू नहीं होने देंगे. आप लाख कानून पास करा लो जब तक लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव और आरजेडी के नेताओं के शरीर में एक बूंद भी खून रहेगा हम इस कानून का विरोध करते रहेंगे और इस देश में लागू नहीं होने देंगे.''

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