मुंबई: स्वच्छ भारत अभियान को भारतीय रेलवे ने बहुत गंभीरता से लिया है. अपने अलग-अलग उपक्रमों के माध्यम से रेलवे साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दे रही है. इसी कड़ी में सेंट्रल रेलवे ने रेलवे परिसर से अनावश्यक चीजों को हटाने का फैसला किया है और इसका फायदा सीधे-सीधे रेलवे को मिल रहा है. सेंट्रल रेलवे ने सिर्फ अपनी कबाड़ बेचकर 310 करोड़ की कमाई की है और यह अपने आप में एक रिकॉर्ड है.

दरअसल सेंट्रल रेलवे के जनरल मैनेजर संजीव मित्तल ने एक मिशन की शुरुआत की है. स्वच्छता के तहत 'मिशन जीरो स्क्रैप' की एक योजना सेंट्रल रेलवे में लाई. इसके तहत सेंट्रल रेलवे के अंतर्गत आने वाले अनावश्यक वस्तुओं, स्क्रैप को बेच दिया जाए और उस जगह को साफ किया जाए. आपको जानकर आश्चर्य होगा कि सिर्फ कबाड़ बेचकर सेंट्रल रेलवे ने 310 करोड़ की कमाई की है. इस मिशन के तहत सेंट्रल रेलवे के हर डिवीजन, वर्कशॉप, और शेड में लंबे समय से रखे अनावश्यक वस्तुओं और कबाड़ को बेच दिया जाए.

सेंट्रल रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी एके सिंह ने बताया कि अप्रैल 2019 से लेकर फरवरी 2020 के बीच बेची गई स्क्रैप से 310 करोड़ 49 लाख रुपये की कमाई हुई है, जबकि पिछले साल इसी समयकाल में 244 करोड़ 19 लाख रुपये की कमाई हुई थी. यानी पिछले साल की तुलना में इस साल 27 फ़ीसदी अधिक कमाई हुई है.

एके सिंह ने बताया कि सेंट्रल रेलवे ने जो स्क्रैप बेचा है, उसमें ट्रेन कोच के हिस्से, लोहे के हिस्से, खराब हो गए पहिए, ट्रेन के डिब्बे इत्यादि शामिल हैं. एक तरफ जहां लंबे समय से पड़े अनावश्यक कबाड़ को बेचकर रेलवे को करोड़ों का मुनाफा हुआ है, वहीं रेलवे के वर्कशॉप, कारशेड इन जगहों पर सफाई करना भी आसान हो गया है और काफी जगह भी उपलब्ध हो गई है.

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