नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ मध्यप्रदेश में कांग्रेस शांति मार्च निकाल रही है. इसकी अगुवाई खुद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और मुख्यमंत्री कमलनाथ कर रहे हैं. राजधानी के न्यू मार्केट के रंगमहल चौराहे से शुरु होकर मिंटो हॉल गांधी प्रतिमा तक यह शांति यात्रा है. इसमें कमलनाथ सरकार के सभी कैबिनेट मंत्री और प्रदेश कांग्रेस के सभी बड़े नेता शामिल हैं.

मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इस मौके पर मीडिया से चर्चा में कहा कि कांग्रेस की संस्कृति सभी धर्मो को जोड़ने की रही है. उन्होंने कहा कि संविधान की रक्षा के लिए आज हम सब यहां एकत्रित हुए है. उन्होंने यह भी कहा कि देश एवं प्रदेश की जनता का गुमराह करने का प्रयास किया जा रहा है, जिसके खिलाफ यह आंदोलन किया जा रहा है.

BJP का विरोध

वहीं विपक्षी बीजेपी ने इस पर सवाल उठाए हैं. विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने इस मार्च को अशांति फैलाने वाला बताया. भार्गव ने मंगलवार को बयान जारी कर कहा कि तुष्टिकरण की राजनीति करने वाली कांग्रेस नागरिकता संशोधन कानून का विरोध कर रही है. मुख्यमंत्री कमल नाथ का शांति मार्च प्रदेश में अशांति फैलाने के लिए है. नागरिकता संशोधन कानून में नागरिकता देने का प्रावधान है, लेने का नहीं, लेकिन कांग्रेस इसे दुष्प्रचारित कर रही है.

नेता प्रतिपक्ष भार्गव ने कहा, "भारत एक संप्रभुता संपन्न देश है. इसकी हजारों साल पुरानी संस्कृति लोगों को शरण देने की रही है. हमने 1959 में बौद्ध गुरु दलाई लामा को शरण दी। भले ही हमें चीन से लड़ना पड़ा हो. इसी तरह बांग्ला देश की मुक्ति सेना के नायक बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान को शरण दी और समर्थन दिया भले ही पाक से युद्ध करना पड़ा. हमारी ऐसी उदार संस्कृति की रक्षा करने के लिए बने कानून का कांग्रेस नेताओं द्वारा विरोध किया जाना हास्यास्पद है."

भार्गव ने कहा कि क्या मुख्यमंत्री कमल नाथ गांधी जी की इच्छाओं को पूरा करने का समर्थन नहीं करते हैं? क्या वह गांधी जी की इच्छाओं के विरुद्ध यह मार्च निकाल रहे हैं? उन्होंने कहा, "दुखी शोषित और पीड़ितों को शरण देने की हमारी संस्कृति रही है. कमल नाथ को नागरिकता संशोधन कानून का विरोध करने से पहले भारतीय संस्कृति को समझने और उसका अध्ययन करने की जरूरत है." नेता प्रतिपक्ष भार्गव ने कहा कि अगर मुख्यमंत्री को शांति मार्च निकालना ही है, तो उन्हें 1984 में रकाबगंज में हुए उन निर्दोष सिख लोगों के हत्यारों को सजा दिलाने के लिए मार्च निकालना चाहिए.

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