लखनऊ: बसपा सुप्रीमो मायावती ने मंगलवार को कहा कि विश्वसनीयता के मामले में कांग्रेस और बीजेपी एक जैसा बताया है. उन्होंने कहा, 'वैसे भी विश्वसनीयता के मामले में कांग्रेस व बीजेपी दोनों ही सरकारों का रिकॉर्ड ऐसा अच्छा नहीं रहा है कि जनता इन पर आसानी से विश्वास कर ले. खासकर चुनावी वायदे व घोषणा-पत्र पर तो लोगों को बिल्कुल भी भरोसा नहीं रहा है. इस संबंध में कुछ फैसले अगर लागू भी हुये तो वे केवल दिखावटी ही साबित हुये हैं, जो जग-जाहिर है.' उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी की ओर से लोकसभा चुनाव से ठीक पहले इस लुभावनी घोषणा से पूरा देश आशंकित है कि ’’सत्ता में आये तो देश में ग़रीबी व भूखमरी का अन्त करने के लिये न्यूनतम आय की गारंटी सुनिश्चित करेंगे.’’ मायावती ने कहा कि इस घोषणा से पूरा देश चकित व आशंकित है कि कहीं यह भी उनके साथ वैसा ही छलावा और क्रूर मजाक तो नहीं है जो पूर्व की इनकी सरकारों ने किया है. उन्होंने कहा कि ’’गरीबी हटाओ’’ का बहुचर्चित नारा और वर्तमान में केन्द्र की बहुमत वाली बीजेपी सरकार का विदेश से कालाधन वापस लाकर देश के हर गरीब को 15 से 20 लाख रूपये देकर उनके ’’अच्छे दिन’’ लाने का लोक-लुभावन वायदा पूरी तरह से छलावा और वादाखिलाफी ही साबित हुआ है. मायावती ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के प्रमुख को ऐसी कोई भी घोषणा और ऐसा कोई भी वायदा देश की जनता से करने के पहले जनहित, जनकल्याण व गरीबी उन्मूलन की उन योजनाओं को कांग्रेस शासित राज्यों में से खासकर राजस्थान, पंजाब, मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़ में सही से लागू करके दिखाना चाहिये था. उन्होंने कहा कि कांग्रेस और भाजपा द्वारा किसानों की दुर्दशा समाप्त कर उन्हें आत्महत्या की मजबूरी से मुक्ति दिलाने और उत्पाद का लाभकारी मूल्य दिलाने का वायदा भी केवल हवा-हवाई व छलावा साबित हुआ है. बसपा सुप्रीमो ने कहा, 'इसीलिये केवल सत्ताधारी बीजेपी को ही नहीं बल्कि कांग्रेस पार्टी को भी देश की आम जनता खासकर करोड़ों गरीबों, मजदूरों, किसानों व बेरोजगारों से ऐसा कोई भी वायदा नहीं करना चाहिये जो अन्ततः छलावा व धोखा साबित हो.'