लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी ने इलाहाबाद का नाम बदल कर प्रयागराज किए जाने के उत्तर प्रदेश सरकार के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि जिस मानसिकता से अकबर ने प्रयागराज का नाम इलाहाबाद किया था, उसी मानसिकता के लोग आज उसका नाम प्रयागराज होने पर विरोध कर रहे हैं.
भाजपा की उत्तर प्रदेश इकाई के प्रवक्ता मनीष शुक्ल ने कहा, 'अकबर ने करीब 400 वर्ष पूर्व प्रयागराज का नाम बदल कर इलाहाबाद किया था. आज उस भूल को सुधारने का काम भाजपा सरकार ने किया है.'
उन्होंने नाम बदले जाने का विपक्षी दलों द्वारा विरोध किये जाने संबंधी एक सवाल पर कहा, 'जिस मानसिकता से 15वीं शताब्दी में अकबर ने नाम परिवर्तित किया था, उसी मानसिकता के लोग आज इलाहाबाद का नाम प्रयागराज होने पर विरोध कर रहे हैं.'
उल्लेखनीय है कि सपा मुखिया अखिलेश यादव ने कहा था, 'राजा हर्षवर्धन ने अपने दान से प्रयाग कुम्भ का नाम किया था और आज के शासक केवल ‘प्रयागराज’ नाम बदलकर अपना काम दिखाना चाहते हैं. इन्होंने तो ‘अर्ध कुम्भ’ का भी नाम बदलकर ‘कुम्भ’ कर दिया है. यह परम्परा और आस्था के साथ खिलवाड़ है.'
प्रदेश सरकार के प्रवक्ता ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा भी कह चुके हैं कि आस्था के साथ खिलवाड़ तो तब हुआ था जब इस संगम नगरी का नाम बदलकर इलाहाबाद रखा गया था.
शर्मा ने कहा कि इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज किये जाने पर कुछ लोग जो आपत्ति जता रहे हैं, वह निराधार है. किसी जिले का नाम बदलना सरकार का अधिकार है. जहां तक आस्था की बात है तो आस्था से तब खिलवाड़ हुआ था, जब प्रयागराज का नाम बदलकर इलाहाबाद रखा गया था.
मनीष शुक्ल ने इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज करने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बधाई देते हुए कहा कि विष्णुपुराण, मत्स्यपुराण और महाभारत में भी प्रयागराज की चर्चा है. उन्होंने कहा कि भविष्य में भी अगर कहीं किसी स्थान की प्रतिष्ठा के अनुकूल नाम बदलने की आवश्यकता पड़ती है तो सरकार उस पर भी कार्रवाई करेगी.