नई दिल्ली: मुजफ्फनगर दंगा मामले में आरोपी बीजेपी के सांसद संजीव बालियान और विधायक संगीत सोम ने कहा है कि उनके खिलाफ फर्जी केस दर्ज किया गया था और इसे वापस लिया जाना चाहिए. दोनों नेताओं का बयान ऐसे समय में आया है जब मुजफ्फनगर और शामली के जिला प्रशासन ने कथित तौर पर केस वापस लेने से इनकार कर दिया है. इससे पहले उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने मुजफ्फरनगर और शामली दंगा मामले में दर्ज 133 केस को वापस लेने को लेकर जिला प्रशासन से राय मांगी थी.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, सरधाना से विधायक सोम ने कहा, ''जो वाजिब मामले हैं उन्हें वापस नहीं लिया जाना चाहिए. कई केस फर्जी भी हैं. उन्हें वापस लिया जाना चाहिए.'' वहीं मुजफ्फरनगर से सांसद संजीव बालियान ने कहा कि मैं चाहता हूं कि केस वापस लिए जाएं. फर्जी केस वापस लिए जाने के लिए अनुरोध किया गया गया था. उन्होंने कहा कि मेरे खिलाफ गलत केस दायर किया गया था. मुझे कोर्ट से जरूर न्याय मिलेगा.

करीब छह महीने पहले योगी सरकार ने जिला प्रशासन से केस वापसी को लेकर जिला प्रशासन से राय मांगी थी. सूत्रों के मुताबिक, जिला प्रशासन ने केस वापसी का विरोध किया है और सभी केस में अलग-अलग राय भेजी है.

आपको बता दें कि मुजफ्फरनगर और शामली के दंगा के मामले में 133 में से 89 केस कोर्ट में लंबित है. इनमें भड़काऊ भाषण, हत्या, हत्या के प्रयास जैसे मामले शामिल हैं. इन मामलों में सुरेश राणा, साध्वी प्राची जैसे नेता भी आरोपी हैं.

2013 के दंगों में कथित तौर पर भड़काउ बयानबाजी के बाद राणा को गिरफ्तार किया गया था और उनके ऊपर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत मामला दर्ज किया गया था. आपको बता दें कि 2013 में मुजफ्फरनगर और इसके पड़ोसी जिलों में सांप्रदायिक हिंसा के दौरान कम से कम 62 लोगों की मौत हो गयी थी, जबकि 50,000 से ज्यादा लोग विस्थापित हो गये थे.

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