मोतिहारी: केंद्रीय मंत्री और आरएलएसपी अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा एनडीए में रहेंगे या जाएंगे इसको लेकर सस्पेंस बरकार है. गुरुवार को मोतिहारी में पार्टी के खुले अधिवेशन में उन्होंने कोई नया एलान नहीं किया लेकिन नीतीश कुमार पर जमकर बरसे. कहा ये जा रहा था कि वे आज कोई बड़ा सियासी एलान कर सकते हैं. हालांकि उन्होंने इस बात को दोहराया कि वे बिहार सरकार के खिलाफ 8 दिसंबर को धरने पर बैठेंगे. वहीं एबीपी न्यूज़ से उन्होंने कहा कि बर्खास्त करने का अधिकार सिर्फ प्रधानमंत्री के पास है. जो चाहे करें अब याचना नहीं रण होगा.
पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कुशवाहा ने कहा कि हमने बिहार में शिक्षा के क्षेत्र में विकास के लिए आक्रोश मार्च की शुरुआत की थी. लेकिन रातों रात जब नीतीश महागठबंधन छोड़ एनडीए के मुख्यमंत्री बन गए तो मुझे अपने अभियान पर ब्रेक लगाना पड़ा था. राजनीति में कभी-कभी ऐसी मजबूरी में फैसले लेने पड़ते हैं.
कुशवाहा ने कहा कि हमने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पीएम नरेंद्र मोदी से बात करने को कोशिश की. कई बार मेसेज भिजवाया पर कोई संवाद नहीं आया. एक ओर हम बात करने का इंतज़ार कर रहे थे तो दूसरी तरफ हमारी पार्टी को तोड़ने और मुझे बर्बाद करने की कोशिश हो रही थी. मेरा उस वक्त कलेजा हिल गया जब उन्होंने मुझे नीच कहा गया. उपेन्द्र कुशवाहा आपसे (नीतीश कुमार) कम पढा लिखा नहीं. हम भी संवैधानिक पद पर हैं फिर हम नीच कैसे हो गए. शायद गरीब बच्चों को शिक्षा का सवाल उठा रहे इसलिए मेरे लिए ऐसा कहा गया.
आरएलएसपी अध्यक्ष ने नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए आगे कहा कि एक तरफ नीच तो दूसरी तरफ पार्टी को बर्बाद करने को कोशिश हो रही है. सीट शेयरिंग अपनी जगह है. राजनीति में सीट बाद में पहले जनता का सवाल है. मैं अपमान सहने और सीट शेयरिंग में सीट छोड़ने के लिए तैयार था.
उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि अब 15 साल पहले की बात नहीं चलेगी. मुजफ्फरपुर कांड को लेकर आपकी पोल धीरे धीरे खुलने लगी है. सुप्रीम कोर्ट ने आपके पुलिस को फटकार लगाई क्योंकि एफआईआर गलत था. बड़े-बड़े लोगों को बचाने का काम हो रहा है. हत्या और बलात्कार की घटनाएं बढ़ रही हैं. सुशासन की बात बोलना गलत है. 15 साल पहले जो कानून व्यवस्था की स्थिति थी आज उससे भी बदतर है. नीतीश कुमार ने मुझसे कहा था कि 15 साल का समय बहुत हो गया, अब क्या? जब यही बात हमने सार्वजनिक किया तो वे मेरे पीछे पड़ गए.
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि नीतीश की मंशा साफ नहीं है. अब बिहार में बदलाव के अलावा कोई उपाय नहीं है. हमारी पार्टी संकल्प लेती है कि बिहार में निकम्मी सरकार को जितनी जल्दी हो उखाड़ कर फेंकने का काम करना होगा. हमने सोचा कि दिल्ली में बैठे हुए लोग कुछ नहीं कर पाए. बीजेपी के बिहार के लोग दण्डवत हैं. नीतीश कुमार ने कहा था कि बीजेपी भारतीय जुमला पार्टी है. ये बिहार के बीजेपी नेता नीतीश को पीएम मैटीरियल बताते थे. लोकसभा चुनाव में गरीबी, बेरोजगारी दूर की या नहीं इसपर चर्चा करनी चाहिए लेकिन अब मन्दिर बनाने को बात कर रहे हैं.