नई दिल्ली: बिहार में पांच विधानसभा सीटों और एक लोकसभा सीट पर होने जा रहे उप चुनाव में कांग्रेस की राज्य इकाई अकेले उतरने के पक्ष में है. हालांकि पार्टी आलाकमान शनिवार को इस बारे में अंतिम निर्णय ले सकता है कि प्रदेश इकाई की राय के मुताबिक कदम उठाया जाए या फिर महागठबंधन के सहयोगी दलों के साथ मिलकर चुनाव लड़ा जाए. सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस की बिहार इकाई के अध्यक्ष मदनमोहन झा, प्रदेश प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल और कुछ दूसरे सीनियर नेता शनिवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया से मुलाकात कर सकते हैं. इस बैठक में सोनिया को कांग्रेस की बिहार इकाई से अवगत कराया जाएगा और फिर आलाकमान कोई अंतिम फैसला लेगा.

पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘‘बिहार के कांग्रेस नेताओं में ज्यादातर ने अकेले चुनाव लड़ने की पैरवी की है. इस बारे में सोनिया जी को फैसला करना है. उम्मीद है कि शनिवार को कोई न कोई फैसला हो जाएगा.’’ उन्होंने कहा, ‘‘अकेले चुनाव लड़ने की स्थिति में बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने इन सभी सीटों के लिए संभावित उम्मीदवारों के नामों की सूची भी तैयार कर ली है. अगर कांग्रेस आलाकमान अकेले जाने के पक्ष में निर्णय लेता है तो हमारे पास मजबूत उम्मीदवार हैं.’’

समस्तीपुर संसदीय सीट एलजेपी सांसद रामचंद्र पासवान का हाल में निधन होने के कारण खाली हुई थी. नाथनगर, किशनगंज, सिमरी बख्तियारपुर, दरौंदा और बेलहर विधानसभा सीट यहां के विधायकों के लोकसभा के लिए निर्वाचित होने की वजह से खाली हुई.

उधर, बिहार में पांच दलों के विपक्षी महागठबंधन का नेतृत्व कर रही लालू प्रसाद की पार्टी राजद नाथनगर, सिमरी बख्तियारपुर और बेलहर सीट पर अपने उम्मीदवार उतारने का फैसला किया है. पार्टी ने यह भी कहा था कि दारौंदा के लिए उम्मीदवार की घोषणा जल्द की जाएगी. गौरतलब है कि आरजेडी के इस एकतरफा फैसले से नाराज, बुधवार को भागलपुर पहुंचे हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्युलर) के प्रमुख जीतन राम मांझी ने नाथनगर सीट पर अपनी पार्टी के अजय राय की उम्मीदवारी की घोषणा करते हुए आरजेडी पर गठबंधन धर्म का पालन नहीं करने का आरोप लगाया था.