भदोही: उत्तर प्रदेश में महागठबंधन को लेकर चर्चा जोरों पर है वहीं राज्यसभा सांसद अमर सिंह ने भदोही जिले में सोमवार को एक बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि अगर मुलायम सिंह की चलती तो वे हारना पसंद करते, लेकिन लोकसभा चुनाव-2019 में बहुजन समाज पार्टी  और कांग्रेस से महागठबंधन कभी नहीं करते. अमर ने कहा कि पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में बसपा ने जिस तरह से दलित मतदाताओं का वोट काटा है, उससे यह साबित होता है कि वह यूपी की राजनीति का इंजन बनना चाहेंगी, जबकि सपा और कांग्रेस को उस इंजन का डिब्बा बनकर संतोष करना पड़ेगा. भदोही में 'मोदी अगेन पीएम' कार्यक्रम में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि तीन राज्यों में सरकार बनने के बाद कांग्रेस यूपी में महागठबंधन के तहत कम से कम बीस सीटों की मांग करेंगी, जबकि मायावती इतनी सीट सपा को भी नहीं देंगी. मायावती कांग्रेस को सिर्फ अमेठी और रायबरेली, जबकि सपा को बीस से अधिक सीट देने पर राजी नही होंगी. इस स्थिति में कांग्रेस-सपा के पास सिर्फ माया शरणम गच्छामि का रास्ता बचेगा. उन्होंने कहा कि वो मुलायम सिंह यादव को अच्छी तरह जानते हैं, अगर उनकी पार्टी में चलती तो वो हार जाना पसंद करते, लेकिन किसी भी पार्टी से गठबंधन कर कार्यकर्ताओं को निराश नहीं करते. मुलायम सिंह अच्छी तरह जानते हैं कि इससे पार्टी टूटेगी और कार्यकर्ताओं का मनोबल गिरेगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ईमानदार बताते हुए देश की जनता को उनका साथ देने की अपील की. बता दें कि 2014 के लोकसभा चुनाव नतीजों के मुताबिक बीजेपी और कांग्रेस के बाद बीएसपी वोट प्रतिशत के मामले में देश की तीसरी सबसे बड़ी पार्टी है. बहुजन समाज पार्टी के वोटर को काफी पाबंद माना जाता है. अनूसूचित जाति, जनजाति के वोटरों के अलावा बड़ी संख्या में सवर्ण वोटर भी बीएसपी के पास हैं. बहुजन से सर्वजन की ओर जाने के बाद मायावती का वोटर बढ़ा ही है.