बांदा: उत्तर प्रदेश के बांदा जिले में एक दलित ने मुफलिसी की जिंदगी से छुटकारा पाने के लिए मुख्यमंत्री से परिवार सहित इच्छामृत्यु की इजाजत मांगी है. उसने आरोप लगाया कि उसे किसी भी सरकारी योजना का लाभ नहीं मिल रहा है.
मकरी गांव के भूमिहीन दलित मातादीन ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भेजे अपने पत्र में कहा,"मेरा परिवार खपरैल के खंडहरनुमा घरौंदे में रह रहा है. मैंने जिले के अधिकारियों तक के चक्कर लगाए लेकिन अभी तक न तो शौचालय मिला और न ही राशन कार्ड दिया गया."
उसने पत्र में लिखा कि वह अपनी पत्नी शकुंतला के साथ जान देना चाहता है, लिहाजा उसे इच्छामृत्यु की इजाजत दी जाए.
इस मामले में जिलाकारी डी.पी. गिरि का कहना है कि उन्हें दलित द्वारा इच्छामृत्यु मांगे जाने की जानकारी नहीं है. उन्हें जॉब कार्ड, इंदिरा आवास और शौचालय पहले ही दिया जा चुका है.
इससे पहले वाराणसी में एक ऐसा ही मामला सामने आया था जब एक मासूम लड़की आईजी जोन के ऑफिस में इच्छा मृत्यु की मांग लेकर पहुंची थी.13 साल की इस लड़की का नाम आकांक्षा पाण्डेय है. आकांक्षा पिछले जेल में बंद अपने पिता को न्याय दिलाने और अपनी लापता मां की तलाश की मांग को लेकर आईजी जोन के ऑफिस में पहुंची थी.
लड़की के हाथों में एक पत्र भी था जिसमें वह पुलिस महकमे से अपनी मां के अपहरण के आरोप में जेल में बंद पिता को न्याय दिलाने की गुहार लगा रही है. न्याय नहीं दे पाने की स्थिति में आकांक्षा इच्छा मृत्यु देने की मांग कर रही थी.