मथुरा: पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी का निधन हो गया है. उन्होंने दिल्ली के एम्स अस्पताल में शाम 5 बजकर पांच मिनट पर अंतिम सांस ली. उनके निधन से मथुरा में भी शोक है. मथुरा से उनका पुराना नाता था. जब भी उन्हें समय मिलता था वे मथुरा आते थे और जब कर खाने पीने का लुत्फ उठाते थे. अटल बिहारी वाजपेयी को मथुरा के पेड़े, पकौड़े और कचौडी के अलावा भांग बेहद पसंद थी. उनके साथी रहे मथुरा नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष बांके बिहारी माहेश्वरी उनके साथ बिताए पलों को याद करते हुए बताते हैं कि वह 1957 में मथुरा से जनसंघ की तरफ से लोकसभा चुनाव लड़े थे. इसी समय वह लखनऊ और बलरामपुर से भी चुनाव लड़े थे. मथुरा में इस चुनाव में उनकी जमानत जब्त हो गयी लेकिन इसका उनको मलाल नहीं था. खुद एक सभा में उन्होंने कांग्रेस को हराने के लिए कहा कि लोग राजा महेंद्र प्रताप को वोट दें. उनके इस भाषण के कारण कांग्रेस यहां से हारी और खुद उनकी जमानत जब्त हुई. खाने पीने के शौकीन अटल बिहारी वाजपेयी को मथुरा की चाट, कचौडी, पकौड़ी और पेड़े बहुत पसंद थे. वह जब भी मथुरा आते थे तो इन चीजों को जरूर खाते थे और मथुरा से कोई भी व्यक्ति उनसे मिलने जाता था तो वह यह सब लेकर जाता था. पूर्व मंत्री रविकांत गर्ग कहते हैं अटल जी के लिए कार्यकर्ता सर्वोपरि था. वह उनकी सादगी की तरीफ करते हुए कहते हैं कि एक बार जब वह प्रदेश सरकार में मंत्री थे तब उनकी ड्यूटी अटल जी के साथ लखनऊ से दिल्ली तक लगाई गई. इस दौरान जब जाना था तो अटल जी ने पूछा कि प्लेन कितने बजे जाएगा जिस पर रविकांत गर्ग ने उनसे कहा कि प्लेन राज्य सरकार का है जब आप कहेंगे तब जाएगा. इस पर अटल जी ने कहा वह स्पेशल प्लेन से नहीं बल्कि जो जा रहा हो दिल्ली उससे जाएंगे.