नई दिल्ली: बिजली क्षेत्र में उल्लेखनीय सुधार को लेकर चर्चित बिहार के आरा से दूसरी बार लोकसभा सदस्य चुने गये आर के सिंह को नई मोदी सरकार में राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार के रूप में शामिल किया गया. पिछली सरकार में बिजली और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री रहे आरके सिंह की सभी घरों को बिजली पहुंचाने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना और चुनाव के नजरिये से महत्वपूर्ण सौभाग्य योजना के क्रियान्वयन में अहम भूमिका रही.


बिजली मंत्रालय के आंकड़े के अनुसार इस योजना के तहत बिजली से वंचित 2.63 करोड़ परिवारों को बिजली कनेक्शन उपलब्ध कराये गये. आईएएस अधिकारी रह चुके आरके सिंह ने देश की अक्षय ऊर्जा क्षमता बढ़ाने में भी अहम भूमिका निभायी. देश ने 2022 तक अक्षय ऊर्जा क्षमता बढ़ाकर 1,75,000 मेगावाट करने का लक्ष्य रखा है. अप्रैल 2019 तक कुल 78,000 मेगावाट अक्षय ऊर्जा क्षमता सृजित की गयी है.


आरके सिंह 1974 में भारतीय पुलिस सेवा से जुड़े और उसके बाद 1975 में आईएएस (भारतीय प्रशासनिक सेवा) में आये. वह 1981 से 1983 के दौरान पूर्वी चंपारण और 1983 से 1985 तक पटना के जिला मजिस्ट्रेट रहे. वे जेल महानिरीक्षक भी रहे. वह गृह मंत्रालय में संयुक्त सचिव और सचिव रहे. उन्होंने पुलिस को आधुनिक रूप देने की योजना में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी तथा जेल के आधुनिकीकरण की शुरूआत की.


आपदा प्रबंधन की रूपरेखा रखने में भी उन्होंने अहम भूमिका अदा की. उन्होंने एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा मोचन बल) की भी शुरूआत की. आरके सिंह बिहार में 2006 से 2009 के दौरान पथ निर्माण विभाग में प्रधान सचिव रहे और राज्य के सड़क नेटवर्क को देश के बेहतरीन सड़क नेटवर्क में तब्दील करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी. एक समय बिहार की सड़कों को देश की सबसे खराब सड़कों में गिना जाता था. साल 2009 में केन्द्र सरकार में रक्षा उत्पादन सचिव बने. वे दूसरी बार आरा से लोकसभा सदस्य चुने गये हैं. उन्होंने भाकपा (माले) के राजू यादव को 1,47,285 मतों से हराया.