अमरोहा: शहीद सिपाही हर्ष चौधरी को तिरंगे से साथ दी गई सलामी, परिवार ने उठाए पुलिस की कार्यशैली पर सवाल
एबीपी न्यूज, एजेंसी | 28 Jan 2019 03:41 PM (IST)
हर्ष चौधरी के परिवार वालों का कहना है कि लंबे समय तक किसी ने भी हमें उसकी मौत की जानकारी नहीं दी. वो अपराधी हिस्ट्रीशीटर था और उसे पकड़ने के लिए केवल दो पुलिस वाले भेजे गए थे. यह किस आधार पर किया गया? कोई मुआवजा उसे वापस नहीं ला सकता है.
अमरोहा: यूपी के अमरोहा में हिस्ट्रीशीटर बदमाश से मुठभेड़ में शहीद सिपाही हर्ष चौधरी को तिरंगे से साथ सलामी दी गई. हर्ष चौधरी पुलिस नामी बदमाश शिवअवतार को पकड़ने के लिए गए थे. छापेमारी के दौरान बदमाश ने पुलिस टीम पर फायरिंग शुरू कर दी जिसमें एक गोली सिपाही हर्ष चौधरी को जा लगी. ये घटना बछरायूं थाने के इंद्रपुर गांव की है. पुलिस की जवाबी फायरिंग में बदमाश ढेर हो गया. हाथरस जिले के रहने वाले शहीद सिपाही हर्ष चौधरी 2016 में पुलिस में भर्ती हुए थे. बदमाश शिवअवतार पर दो दर्जन से ज्यादा मुकदमे थे. घायल सिपाही और बदमाशों को मुरादाबाद के अस्पताल ले जाया गया जहां उनकी मौत हो गई. हाथरस के रहने वाले हर्ष चौधरी दो साल 2016 में ही यूपी पुलिस में भर्ती हुए थे. वहीं हर्ष चौधरी के परिवार वालों का कहना है कि लंबे समय तक किसी ने भी हमें उसकी मौत की जानकारी नहीं दी. वो अपराधी हिस्ट्रीशीटर था और उसे पकड़ने के लिए केवल 2 पुलिस वाले भेजे गए थे. यह किस आधार पर किया गया? कोई मुआवजा उसे वापस नहीं ला सकता है. यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने शहीद सिपाही की पत्नी को 40 लाख और उनके माता-पिता और 10 लाख रुपये की मदद का ऐलान किया है. साथ ही परिवार यूपी सरकार शहीद सिपाही के परिवार के एक सदस्य को नौकरी भी देगी. शहीद सिपाही के परिवार को अमरोहा पुलिस एक दिन का अपना वेतन देगी और इसके साथ ही उनकी याद में अमरोहा पुलिस लाईन में एक भवन का नाम शहीद हर्ष के नाम पर रखा जायेगा. ताकि हर्ष चौधरी की यादें हमेशा पुलिस परिवार के बीच रहे और साथी पुलिस कर्मी बहादुर सिपाही से प्रेरणा लेते रहें.