नई दिल्ली: कर्नाटक में सत्ता से दूर हो जाने के बाद अब बीजेपी  कैराना के लोकसभा उपचुनाव की तैयारी में जुट गई है. 28 मई को यूपी के कैराना में वोट डाले जाएंगे हैं. इसके साथ ही नूरपुर सीट पर विधानसभा उपचुनाव भी 28 मई को ही होंगे.  बीजेपी के लिए कैराना सीट जीतना काफी अहम है क्योंकि इससे पहले बीजेपी यूपी के फूलपुर और गोरखपुर सीट पर उपचुनाव हार चुकी है. ये दोनों ही बीजेपी के गढ़ रहे हैं. ऐसे में कैराना का उपचुनाव बीजेपी के लिए यूपी में साख बचाने की लड़ाई है.

 कैराना में राष्ट्रीय लोक दल की उम्मीदवार तबस्सुम हसन को समाजवादी पार्टी, कांग्रेस, बीएसपी के बाद आम आदमी पार्टी का भी समर्थन मिल गया है. तबस्सुम का मुकाबला बीजेपी की मृगांका सिंह से है. आम आदमी पार्टी की समर्थन देने की घोषणा के बाद एसपी सुप्रीमो अखिलेश यादव ने ट्विटर पर धन्यवाद दिया.

इस चुनाव के लिए आरएलडी के नेता बहुत मेहनत करते दिखाई दे रहे हैं. अजित सिंह और उनके बेटे जयंत चौधरी गांव-गांव घूम कर तबस्सुम के पक्ष में वोट मांग रहे हैं. समाजवादी पार्टी के नेताओं का भी पूरा अमला कैराना में जोर आजमाइश कर रहा है. बीएसपी और कांग्रेस के लोग भी अपने तरीकों से तबस्सुम की मदद कर रहे हैं. अब आम आदमी पार्टी के समर्थन से भी तबस्सुम को बल मिला है. यही नहीं कांग्रेस के नेता इमरान मसूद ने भी तबस्सुम के साथ की घोषणा की है. इमरान के परिवार और तबस्सुम के परिवार के बीच अदावत मानी जाती है लेकिन कैराना में जीत के लिए इमरान ने इस कड़वाहट को भी भुला दिया है. चुनाव से एक दिन पहले बिना कैराना गए ही मोदी बागपत से करेंगे अपने मन की बात ऐसा नहीं है कि बीजेपी यहां पर प्रचार नहीं कर रही है. बीजेपी से जुड़ी एक पूरी बड़ी टीम यहां प्रचार अभियान में जुटी हुई है. योगी आदित्यनाथ खुद प्रचार की कमान संभाले हुए हैं. उन्होंने कैराना में आयोजित एक जनसभा में अखिलेश पर जम कर निशाना साधा. उन्होंने अखिलेश को मुजफ्फरनगर दंगों का गुनाहगार बताते हुए कहा कि अखिलेश के भीतर कैराना आने का साहस नहीं है. उन्होंने दिवंगत सांसद हुकुम सिंह की बातें कीं और लोगों को इशारों इशारों में पलायन कांड भी याद दिलाया. कैराना में होगी विपक्षी एकता की अग्निपरीक्षा, बीजेपी के लिए भी करो या मरो के हालात बीजेपी सहानुभूति वोट की भी उम्मीद कर रही है. गौरतलब है कि बीजेपी के सांसद हुकुम सिंह के निधन से ही कैराना सीट खाली हुई है. बीजेपी ने हुकुम सिंह की बेटी मृगांका को टिकट देकर मैदान में उतारा है. फूलपुर और गोरखपुर हारने के बाद बीजेपी यहां कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती.