मेरठ: भारत बंद हिंसा के बाद मारे गए गोपी पारिया के हत्यारोपी की दिनदहाड़े हत्या, 9 के खिलाफ मामला दर्ज
एसपी सिटी कुमार रणविजय सिंह ने बताया कि पीड़ित पक्ष की ओर से नौ आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है जिसमें से एक की गिरफ्तारी कर ली गई है. आरोपी की पहचान पिपरिया के पिता के रूप में हुई है. बाकी की तलाश में पुलिस टीमें लगाई गई हैं.

मेरठ: 2 अप्रैल हिंसा के बाद मारे गए बीएसपी कार्यकर्ता के हत्यारोपी की मेरठ में गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई. हत्या के बाद आक्रोशित परिजनों ने शव को घर में रख लिया और हत्यारोपियों के पकड़े जाने तक शव का अंतिम संस्कार न करने का ऐलान किया. पुलिस 6 घंटे के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज सकी. मृतक पिछले दिनों जमानत पर रिहा होकर जेल से बाहर आया था. कंकरखेड़ा थाना इलाके के शोभापुर गांव का आशीष अपने दोस्तों के साथ खेतों की ओर गया था. वहां 3 बाइक पर सवार होकर आए आधा दर्जन से ज्यादा हमलावरों ने अचानक उस पर हमला बोल दिया. हमले के दौरान केवल आशीष को ही टारगेट करके गोलियां चलाई गई. मौके से उसके बाकी साथी हमला होने के बाद भाग गए. आशीष को कई गोलियां लगी जिसके बाद हमलावर नेशनल हाईवे की तरफ जाकर फरार हो गए. अस्पताल में आशीष को डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया.
आशीष का परिवार उसके शव को अस्पताल से रोहटा रोड स्थित अपने आवास राणा फार्म हाउस पर ले आया. जानकारी मिलने पर पुलिस पहुंची और पोस्टमार्टम के लिए शव मांगा तो घरवालों ने शव देने से इनकार कर दिया. परिजनों का कहना था कि जब तक आरोपी नहीं पकड़े जाते पोस्टमार्टम के लिए शव नहीं दिया जाएगा. पुलिस ने परिवार के नजदीकी लोगों को उन्हें समझाने के लिए लगाया और परिजनों के आरोपों के आधार पर कई संदिग्धों को हिरासत में ले लिया. तब जाकर पुलिस पोस्टमार्टम के लिए शव को हासिल कर पाई.
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में आशीष को छह गोलियां लगी पाई गई है. पुलिस की मानें तो हमलावरों ने करीब 16 राउंड गोलियां चलाई इनमें से एक गोली प्रॉपर्टी डीलर दर्शन सिंह की दूर खड़ी कार में भी जा धंसी. शव को घर में रखकर प्रदर्शन के दौरान पहुंचे पुलिस अफसरों से भी परिजनों ने खींचातानी की. मौजूद भीड़ ने रोहटा रोड सड़क पर आकर पथराव भी किया. हत्या के बाद इलाके में तनाव का माहौल है और मौके पर भारी तादाद में पुलिस और पीएसी तैनात की गई हैं.
एसपी सिटी कुमार रणविजय सिंह ने बताया कि पीड़ित पक्ष की ओर से नौ आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है जिसमें से एक की गिरफ्तारी कर ली गई है. आरोपी की पहचान पिपरिया के पिता के रूप में हुई है. बाकी की तलाश में पुलिस टीमें लगाई गई हैं और हालात को देखते हुए मौके पर पुलिस बल तैनात किया गया है. किसी भी सूरत में माहौल खराब नहीं होने दिया जाएगा.
भारत बंद के बाद अफवाह और गोपी पारिया की हत्या
2 अप्रैल को एससी/एसटी कानून पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के विरोध में मेरठ में जमकर हिंसा हुई. इस दौरान शोभापुर गांव के बाहर बनी पुलिस चौकी को फूंक दिया गया. गांव के सवर्ण पक्ष ने सोशल मीडिया पर चौकी फूंकने वाले 100 लोगों की लिस्ट जारी की जिनमें सबसे ऊपर बसपा कार्यकर्ता गोपी पारिया का नाम था. इस लिस्ट के जारी होने के बाद शोभापुर गांव के दो पक्षों में तनाव हो गया और 4 अप्रैल को गोपी पारिया को गांव में ही गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया गया. इस मामले में पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर कई लोगों को जेल भेजा था. आशीष उन्हीं में से एक था जिसको पिछले दिनों अदालत से जमानत मिल गई थी. आशीष की हत्या में गोपी पारिया के पिता, भाई बने आरोपी
पुलिस ने आशीष की हत्या के मामले में जो केस दर्ज किया है उसमें गोपी पारिया के भाई प्रशांत पारिया और पिता ताराचंद परिया समेत अनुसूचित जाति के 9 लोग आरोपी बनाए गए हैं. पुलिस ने हत्या, बलवा, हत्या का षड्यंत्र रचने आदि की धाराओं में यह मुकदमा दर्ज किया है. सूत्रों की मानें तो कई बार रेकी करने के बाद हमलावरों ने इस वारदात को अंजाम दिया. गोपी पारिया के परिजनों को इस केस में आरोपी बनाए जाने के बाद अब दोनों पक्षों के बीच खुली रंजिश पैदा हो गई है. दोनों पक्षों में तनाव है जिसके चलते गांव में पुलिस बल तैनात किया गया है.
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Source: IOCL





















