आगरा: आगरा के एत्माद्दौला क्षेत्र के प्रकाश नगर में 15 वर्षीय किशोरी ने फांसी के फंदे पर लटककर जान दे दी. वह तीन दिन से भूखी थी. पिता ने पुलिस को बेटी की आत्महत्या की सूचना देते हुए अपने छोटे बेटे पर आरोप लगाया. छानबीन में पुलिस को मृतका के पास से तीन पेज का सुसाइड नोट मिला है, जिसमें मृतका ने अपनी मौत के लिए पिता, दादी, बुआ और बड़े भाई को जिम्मेदार ठहराया है.
पुलिस ने मृतका की मां की तहरीर पर बेटी को आत्महत्या के लिए उकसाने का मुकदमा पिता, दादी, बुआ और बड़े भाई के खिलाफ दर्ज कर चारों को हिरासत में ले लिया है.
सीओ रितेश कुमार सिंह ने बताया कि मूलरूप से शमसाबाद के रहने वाले नेकराम का परिवार तीस साल से एत्माद्दौला के प्रकाश नगर में रहता है. नेकराम हैंडपंप की बोरग और मरम्मत का काम करता है. उसके परिवार में पत्नी, दो बेटे और चार बेटियां हैं. दो बेटे और दो बेटियों की शादी हो चुकी है. घर में अब उसके साथ केवल उसकी पत्नी और बेटियां प्रीति और दुर्गेश रहती थीं.
शुक्रवार रात 11 बजे 15 वर्षीय दुर्गेश ने घर में कमरे के सामने पड़े टिनशेड में फंदे से लटककर जान दे दी. सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची तो पिता ने छोटे बेटे पर बहन को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया. पुलिस ने घर की तलाशी ली तो तीन पेज का सुसाइड नोट मिल गया. इसमें दुर्गेश ने पिता नेकराम के उत्पीड़न से तंग आकर खुदकशी की बात लिखी थी. पिता, दादी रामरती, बुआ भगवान देवी और बड़े भाई दिनेश को भी मौत का जिम्मेदार बताया.
पुलिस के मुताबिक, दुर्गेश ने अपने सुसाइड नोट में लिखा है कि पिता, दादी रामरति, बुआ भगवान देवी और बड़े भाई दिनेश उससे नफरत करते हैं. पिता, बुआ और दादी की बात मानता है. पिता घर में खाने का सामान नहीं लाता. खुद बुआ के घर खाना खा आता था. वह, प्रीति और मां भूखे रहते थे. तीन दिन पहले तक दादी घर में रुकी थी. तब पिता सब कुछ लेकर आता था. उसके जाते ही खाने का सामान लाना बंद कर दिया. वह ऐसी जिंदगी अब नहीं जीना चाहती.
दुर्गेश इतनी परेशान थी कि पिता के लिए सम्मानजनक भाषा वह नहीं लिख पाई और लिखा कि उसकी आत्मा को तभी शांति मिलेगी जब इन लोगों को सजा मिलेगी.इंस्पेक्टर कमलेश सिंह ने बताया कि सुसाइड नोट के आधार पर किशोरी के पिता, भाई, दादी और बुआ के खिलाफ आत्महत्या के लिए विवश करने का मुकदमा दर्ज कर लिया गया है.