लखनऊ: उत्तर प्रदेश में बुधवार रात आए आंधी-तूफान के कारण हुए हादसों में लगभग 64 लोगों की मौत हो गई और 47 लोग घायल हो गए. प्रदेश के राहत आयुक्त संजय कुमार ने बताया कि कल रात सूबे में आए आंधी-तूफान, बिजली गिरने और ओलावृष्टि के कारण हुए हादसों में 64 लोगों की मौत हो गई.

कुमार ने बताया कि सबसे ज्यादा नुकसान आगरा जिले में हुई जहां 45 लोगों की मौत हो गई और 35 लोग जख्मी हो गए. जिले में इस प्राकृतिक आपदा से 150 जानवरों की भी मौत हुई है. भीषण तूफान की वजह से कई मकान ध्वस्त हो गये, पेड़ गिर गए और बिजली के खम्भे उखड़ गए.

संजय कुमार ने बताया कि इसके अलावा बिजनौर में तीन, सहारनपुर में दो, बरेली, चित्रकूट, रायबरेली और उन्नाव में एक-एक व्यक्ति की भी मौत हुई है. पूरे प्रदेश में कुल 47 लोग घायल हुए हैं. उन्होंने बताया कि फिरोजाबाद, मुजफ्फरनगर, मथुरा, कानपुर, सीतापुर, मिर्जापुर, संभल, बांदा और कन्नौज में भी आंधी-तूफान और बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है.

राहत आयुक्त ने बताया कि उन्होंने सभी प्रभावित जिलों के जिलाधिकारियों को इस प्राकृतिक आपदा की वजह से हुए नुकसान का आंकलन करके रिपोर्ट भेजने और प्रभावित लोगों को 24 घंटे के अंदर राहत वितरित करने के निर्देश दिये हैं.

इस बीच, आंचलिक मौसम केन्द्र ने अगले 48 घंटों के दौरान भी प्रदेश के कई जिलों में धूल भरी आंधी चलने और कुछ स्थानों पर बारिश होने की चेतावनी जारी की है. केन्द्र के निदेशक जे. पी. गुप्ता द्वारा राहत आयुक्त को भेजे गये पत्र में अगले 48 घंटों के दौरान प्रदेश के गोरखपुर, बलिया, मऊ, गाजीपुर, अम्बेडकर नगर, संत कबीर नगर, बस्ती, कुशीनगर, महराजगंज, सिद्धार्थनगर और गोंडा समेत 32 जिलों में आंधी-तूफान आने की चेतावनी जारी की है.

इधर, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संबंधित जिलाधिकारियों को आंधी-तूफान और बारिश से प्रभावित लोगों को तत्काल राहत पहुंचाने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि संबंधित जिलों के अधिकारी नुकसान का आंकलन करते हुए प्रभावितों को बिना देर किये मुआवजा प्रदान करें. राहत कार्यों में किसी प्रकार की शिथिलता बर्दाश्त नहीं की जाएगी.

सूचना विभाग के प्रमुख सचिव अवनीश अवस्थी ने कहा कि मुख्य सचिव राजीव कुमार ने आगरा के मण्डलायुक्त से बात करके उन्हें आज शाम तक पीड़ितों को सहायता दिलाने और घायलों का हाल लेने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों को अस्पताल भेजने के निर्देश दिये हैं.