इलाहाबाद: पीएम नरेन्द्र मोदी मंगलवार को प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभार्थियों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के ज़रिए सीधे तौर पर रूबरू होंगे. जो लोग चुने गए हैं उनमें संगम नगरी इलाहाबाद के पंद्रह लोग भी शामिल हैं. हालांकि यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के शहर इलाहाबाद में पीएम मोदी की इस महत्वाकांक्षी योजना की हालत बेहद खराब है और यह अभी सरकारी फाइलों में सिर्फ रेंग रही है.

प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए 56 हजार आवेदन, अबतक 741 लोगों को मिले पैसे इलाहाबाद में प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए अब तक छप्पन हजार से ज़्यादा लोग आवेदन कर चुके हैं, लेकिन साल भर से ज़्यादा का वक्त बीतने के बाद अभी तक सिर्फ सात सौ इकतालीस लोगों को ही पचास-पचास हजार रुपए की एक किश्त मिल सकी है. हैरत की बात यह है कि जिन सात सौ इकतालीस लोगों को पचास हजार रुपए की एक किश्त मिली भी है, वह भी सिर्फ दो दिन पहले ही मिली है.. तकरीबन इतने ही लोगों को इसी हफ्ते पहली किश्त देने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है. ये आंकड़े यह बताने के लिए काफी हैं योजना जरूरतमंदों के लिए ऊंट के मुंह में जीरा साबित हो रही है.

कई लेवल की स्क्रीनिंग की वजह से हो रही है देरी

योजना से जुड़े ज़िम्मेदार लोगों का कहना है कि कई लेवल की स्क्रीनिंग की वजह से ही देरी हो रही है. हालांकि उनके पास इस बात का कोई जवाब नहीं कि स्क्रीनिंग में जो लोग सही पाए जाएंगे, उन्हें पैसे कब मिलेंगे और अपने आशियाने का उनका सपना कब पूरा होगा. इलाहाबाद में प्रधानमंत्री आवास योजना का काम जिला नगरीय विकास अभिकरण डूडा को सौंपा गया है. डूडा की प्रोजेक्ट डायरेक्टर प्रतिभा श्रीवास्तव के मुताबिक़ प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत जिले में अब तक छप्पन हजार से ज़्यादा आवेदन आ चुके हैं. पहले फेज में यहां सिर्फ छह हजार लोगों को ही योजना का फायदा देना था. साल भर से ज़्यादा के लम्बे इंतजार के बाद ज़िले में एक भी लाभार्थी को पिछले हफ्ते तक एक भी पैसा नहीं मिला था.

पीएम मोदी के कार्यक्रम से पहले यूपी के सीएम योगी ने पिछले हफ्ते लखनऊ में एक कार्यक्रम किया. सीएम योगी के कार्यक्रम में इलाहाबाद में भी योजना की शुरुआत दिखाने के लिए एक जून को सात सौ इकतालीस लोगों के एकाउंट में पचास हजार रुपए डाल दिए गए. तकरीबन साढ़े छह सौ और लोगों के एकाउंट में पैसे डाले जाने की प्रक्रिया चल रही है, जो इसी हफ्ते पूरी हो जाएगी.

स्क्रीनिंग में तकरीबन पचीस से तीस फीसदी लोग अपात्र प्रोजेक्ट डायरेक्टर प्रतिभा श्रीवास्तव के मुताबिक़ स्क्रीनिंग में तकरीबन पचीस से तीस फीसदी लोग अपात्र आवेदक पाए जा रहे हैं. सवाल यह उठता है कि अगर चालीस हजार सही लोग भी सामने आए तो उन्हें योजना का फायदा कब मिलेगा, इसका जवाब किसी के पास नहीं. इतना ही नहीं पात्र लोगों में से भी किन लोगों को पहले योजना का फायदा देना है, इसका भी कोई पारदर्शी नियम नहीं है.